मकर संक्रांति पर न करें ये गलतियां, वरना धन की देवी लक्ष्मी हो सकती हैं नाराज
मकर संक्रांति का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष यह त्योहार 14 जनवरी 2025, मंगलवार को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति का दिन भगवान सूर्य की पूजा और धार्मिक कार्यों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह पर्व हर साल उत्साह और भव्यता के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान सूर्य की आराधना करने से जीवन के दुख-कष्टों का अंत होता है।
मकर संक्रांति का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष यह त्योहार 14 जनवरी 2025, मंगलवार को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति का दिन भगवान सूर्य की पूजा और धार्मिक कार्यों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह पर्व हर साल उत्साह और भव्यता के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान सूर्य की आराधना करने से जीवन के दुख-कष्टों का अंत होता है।
मकर संक्रांति पर क्या करें?
1.नई झाड़ू खरीदें– इस दिन नई झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है।
2. बड़ों और पूर्वजों का आशीर्वाद लें – परिवार के बड़ों का आशीर्वाद लेना सौभाग्यकारी होता है।
3. गंगा स्नान करें – पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है।
4. सूर्य को अर्घ्य दें – भगवान सूर्य को जल चढ़ाना शुभ फलदायक होता है।
5. दान करें – खिचड़ी, चूरा, दही, मूंगफली, तिल के लड्डू, गर्म कपड़े और धन का दान करें।
6. ब्रह्मचर्य का पालन करें – इस दिन संयमित जीवनशैली अपनाना चाहिए।
7. धार्मिक कार्य करें– अधिक से अधिक पूजा-पाठ और भक्ति में समय बिताएं।
मकर संक्रांति पर क्या न करें?
1. अभद्र व्यवहार न करें – दूसरों के साथ विनम्रता से पेश आएं।
2. पेड़-पौधों को न काटें – प्रकृति का सम्मान करें।
3. तामसिक भोजन और नशे से बचें– मांसाहार, शराब, तम्बाकू आदि का सेवन न करें।
4. विवाद न करें – दूसरों से झगड़ा या कहासुनी करने से बचें।
5. पर्व के बारे में गलत न बोलें – इस दिन के प्रति नकारात्मक बातें करने से बचें।
मकर संक्रांति 2025 शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष सूर्य मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी को सुबह 8:44 बजे करेंगे। इसी कारण मकर संक्रांति का पर्व भी इसी दिन मनाया जाएगा। इससे एक दिन पहले लोहड़ी का पर्व मनाया जाएगा।
सूर्य देव पूजन मंत्र
1. **ॐ सूर्याय नमः।**
2. **ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।**
3. **ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकरः।**
यह मंत्र सूर्य देव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए अत्यंत प्रभावशाली माने गए हैं।
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