इंदिरा एकादशी के दिन साध्य योग समेत बन रहे हैं 3 दुर्लभ संयोग, जिससे साधक को कई गुना शुभ फल प्राप्त होगा
सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत उपवास रखा जाता है। इस वर्ष 10 अक्टूबर को इंदिरा एकादशी है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक द्वारा अनजाने में किए गए सभी पाप कट जाते हैं। साथ ही इंदिरा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों की मानें तो इंदिरा एकादशी पर साध्य योग समेत कई दुर्लभ योग का निर्माण हो रहा है।
सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत उपवास रखा जाता है। इस वर्ष 10 अक्टूबर को इंदिरा एकादशी है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक द्वारा अनजाने में किए गए सभी पाप कट जाते हैं। साथ ही इंदिरा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों की मानें तो इंदिरा एकादशी पर साध्य योग समेत कई दुर्लभ योग का निर्माण हो रहा है।
शुभ मुहूर्त:
आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी 09 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 36 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 10 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी।
साध्य योग:
इंदिरा एकादशी के दिन साध्य योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष साध्य योग को शुभ कार्यों के लिए उत्तम मानते हैं। साथ ही साध्य योग के दौरान श्रीहरि विष्णु की पूजा करने की सलाह देते हैं। इस योग के दौरान भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को कई गुना शुभ फल प्राप्त होता है।
शुभ योग:
साध्य के साथ शुभ योग का निर्माण भी इंदिरा एकादशी के दिन हो रहा है। ज्योतिष शुभ योग में पूजा करने की सलाह देते हैं। इस योग के दौरान भगवान विष्णु का नाम जाप से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
शिव वास:
इंदिरा एकादशी के दिन भगवान शिव दोपहर 03 बजकर 08 मिनट तक कैलाश पर्वत पर रहेंगे। इस दौरान रुद्राभिषेक करने से साधक को सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है।
पंचांग:
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 40 मिनट से 05 बजकर 29 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 04 मिनट से 02 बजकर 51 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 57 मिनट से 06 बजकर 22 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक
राहुकाल - दोपहर 03 बजकर 03 मिनट से 04 बजकर 30 मिनट तक
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