इस दिन मनाई जाएगी फाल्गुन मास की पूर्णिमा, स्नान और दान करने से सुख-समृद्धि में होगी वृद्धि, यहाँ जाने पूजन का शुभ मुहूर्त

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन माह वर्ष का अंतिम महीना होता है। इसके बाद चैत्र का महीना शुरू होता है। हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर श्री हरि विष्णु और चंद्रमा की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही इस दिन स्नान और दान करने का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि फाल्गुन पूर्णिमा के अवसर पर शुभ मुहूर्त में स्नान और दान करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और श्री हरि प्रसन्न होते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि फाल्गुन पूर्णिमा पर किस शुभ मुहूर्त में स्नान और दान करना फलदायी होता है।

phalgun purnima

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन माह वर्ष का अंतिम महीना होता है। इसके बाद चैत्र का महीना शुरू होता है। हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर श्री हरि विष्णु और चंद्रमा की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही इस दिन स्नान और दान करने का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि फाल्गुन पूर्णिमा के अवसर पर शुभ मुहूर्त में स्नान और दान करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और श्री हरि प्रसन्न होते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि फाल्गुन पूर्णिमा पर किस शुभ मुहूर्त में स्नान और दान करना फलदायी होता है।

पूर्णिमा के स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा के दिन सुबह 04 बजकर 45 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 32 मिनट तक आप स्नान और दान कर सकते हैं। फाल्गुन पूर्णिमा की शाम 06 बजकर 44 मिनट पर चंद्रोदय होगा

पूर्णिमा तिथि का यह है सही समय

पंचांग के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 24 मार्च को सुबह 09 बजकर 54 मिनट पर होगा और इसका समापन 25 मार्च यानी होली के दिन दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर तिथि का समापन होगा। ऐसे में फाल्गुन पूर्णिमा का पर्व 25 मार्च को मनाया जाएगा।

दान करने के लिए इन चीजों का करें उपयोग

सनातन धर्म में किसी विशेष तिथि पर दान करने का विशेष महत्व है। मान्यता है दान करने से इंसान को शुभ फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में फाल्गुन पूर्णिमा के दिन आप श्रद्धा अनुसार गरीबों को कपड़े, दक्षिणा, भोजन और अन्न समेत कई चीजों का दान कर सकते हैं। 

इस खास अवसर पर सुबह स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें। क्योंकि श्री हरि को पीला रंग प्रिय है। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा कर खीर का भोग लगाएं। इसके पश्चात कन्याओं में प्रसाद का वितरण करें। माना जाता है कि ऐसा करने से इंसान को सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।