लोक सभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान: सैफई परिवार का राजनीतिक भविष्य क्या होगा? आज मतदाता मुलायम परिवार के तीन सदस्यों की किस्मत पर निर्णय कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में आज, यानी मंगलवार को, उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर वोटिंग हो रही है। आज मतदाता न केवल प्रत्याशियों को चुन रहा है, बल्कि प्रदेश के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार के सियासी भविष्य का भी फैसला करेगा। एक ओर मैनपुरी में सपा की बचाव की चुनौती है, दूसरी ओर फिरोजाबाद और बदायूं सीट पर परिवार की एकता भी दांव पर है।
                     - Lok Sabha Election 3rd phase voting
 
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में आज, यानी मंगलवार को, उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर वोटिंग हो रही है। आज मतदाता न केवल प्रत्याशियों को चुन रहा है, बल्कि प्रदेश के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार के सियासी भविष्य का भी फैसला करेगा। एक ओर मैनपुरी में सपा की बचाव की चुनौती है, दूसरी ओर फिरोजाबाद और बदायूं सीट पर परिवार की एकता भी दांव पर है।
पिछले लोकसभा चुनाव में जहां सपा-बसपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा गया था, वहीं परिवार दो हिस्सों में बंट गया था। मुलायम सिंह के छोटे भाई शिवपाल यादव चुनावी मैदान में उतरे तो सपा के वोट बैंक का बंटवारा हो गया। मुलायम सिंह के निधन के बाद, मैनपुरी में परिवार की एकता से उपचुनाव में अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को बड़ी जीत मिली थी।
इस बार मैनपुरी से डिंपल यादव फिर से मैदान में हैं। सपा के गढ़ पर भगवा झंडा लहराने के लिए भाजपा भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है। पर्यटन मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह को मैदान में उतारा गया है। मैनपुरी का परिणाम सपा के भविष्य का फैसला करेगा। वहीं, बदायूं सीट से प्रत्याशी बनाए गए शिवपाल सिंह यादव ने अपनी टिकट पर बेटे आदित्य यादव को उतारा है। पिछले चुनाव में यह सीट पार्टी ने गंवा दी थी। आदित्य की सीट का परिणाम शिवपाल के फैसले और परिवार की एकता को भी प्रभावित करेगा।
इस बार पार्टी के साथ-साथ प्रो. रामगोपाल यादव की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। इधर, फिरोजाबाद सीट पर पार्टी के थिंक टैंक में शामिल प्रो.रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव तीसरी बार मैदान में हैं। इस बार, वे भाजपा-बसपा के समीकरण के बाद भी पिछले चुनाव में हार गए थे। इसके पीछे की वजह चुनाव में उतरे शिवपाल यादव बने। वे इस बात को खुद मंच से स्वीकार कर चुके हैं।
इस बार पार्टी के साथ-साथ प्रो. रामगोपाल यादव की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। इधर, फतेहपुर सीकरी में राजकुमार चाहर पीएम मोदी से बड़ी जीत हासिल कर संसद पहुंचे थे। इस बार यहां पार्टी को बड़ी जीत दोहराना चुनौती खड़ी कर रहा है। यहां जातीय समीकरण और विपक्षी दल भी ताकत दिखा रहा है।
दांव पर भाजपा व राजवीर की प्रतिष्ठा
ब्रज मंडल की एटा लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजवीर तीसरी बार चुनाव मैदान में है। दूसरे चरण के मतदान के बाद भाजपा राम मंदिर आंदोलन में कल्याण सिंह की भूमिका को बार-बार याद दिला रही है। यह चुनाव भाजपा और राजवीर के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव होगा।
इधर, आगरा सुरक्षित सीट पर केंद्रीय मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल और हाथरस सुरक्षित सीट पर प्रदेश सरकार के राजस्व मंत्री अनूप वाल्मिकी को पार्टी ने मैदान में उतारा है। इसको लेकर दोनों सीटों का चुनाव पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव है।
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