IND vs AUS: देवदत्त पडिक्कल के 'शून्य' ने कराई शर्मिंदगी, 32 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए किया निराशाजनक प्रदर्शन

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पर्थ में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में टीम इंडिया की बल्लेबाजी कमजोर साबित हुई। दूसरे टेस्ट मैच में खेल रहे देवदत्त पडिक्कल बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए। उनके इस प्रदर्शन ने एक ऐसा अनचाहा रिकॉर्ड बना दिया, जो 32 सालों से नहीं हुआ था। हालांकि, पडिक्कल से दूसरी पारी में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। 

स्टोरी हाइलाइट्स
  • दूसरी पारी में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पर्थ में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में टीम इंडिया की बल्लेबाजी कमजोर साबित हुई। दूसरे टेस्ट मैच में खेल रहे देवदत्त पडिक्कल बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए। उनके इस प्रदर्शन ने एक ऐसा अनचाहा रिकॉर्ड बना दिया, जो 32 सालों से नहीं हुआ था। हालांकि, पडिक्कल से दूसरी पारी में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। 

पर्थ टेस्ट में शुभमन गिल की गैरमौजूदगी में टीम मैनेजमेंट ने बाएं हाथ के बल्लेबाज देवदत्त पडिक्कल को मौका दिया। लेकिन पहली पारी में पडिक्कल ने इस फैसले को सही साबित नहीं किया। उन्होंने 23 गेंदें खेलीं लेकिन खाता नहीं खोल पाए। इसके साथ ही उन्होंने 1992 के बाद सबसे लंबा डक (शून्य पर आउट) का रिकॉर्ड बना दिया। 


32 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा 

1992 के बाद यह पहली बार हुआ है कि किसी भारतीय बल्लेबाज ने 23 गेंदें खेलते हुए खाता नहीं खोला। इससे पहले संजय मांजरेकर ने 1992 में डरबन टेस्ट में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 25 गेंदों तक बिना खाता खोले आउट होने का रिकॉर्ड बनाया था। अब पडिक्कल इस सूची में दूसरे नंबर पर आ गए हैं। 


गिल की जगह खेलने आए थे  

पडिक्कल को शुभमन गिल के चोटिल होने के कारण नंबर-3 पर बल्लेबाजी का मौका दिया गया था। यह नंबर टेस्ट टीम में काफी अहम माना जाता है, लेकिन पडिक्कल इस मौके को भुना नहीं सके। हालांकि, यह उनका पहला टेस्ट मैच था जो वह ऑस्ट्रेलिया में खेल रहे हैं। इससे पहले इंडिया-ए की तरफ से उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में अच्छे रन बनाए थे। 

दूसरी पारी में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद 

अपने टेस्ट डेब्यू में पडिक्कल ने इंग्लैंड के खिलाफ 65 रनों की शानदार पारी खेली थी। लेकिन पर्थ की चुनौतीपूर्ण पिच पर वह अपनी फॉर्म बरकरार नहीं रख पाए। उम्मीद की जा रही है कि वह दूसरी पारी में टीम के लिए अहम योगदान देंगे और अपने प्रदर्शन से आलोचकों को जवाब देंगे।