ये पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर एयरपोर्ट पर हो गए थे गिरफ्तार, करियर हुआ ख़त्म और जाना पड़ा था जेल

पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज ‘इमर नजीर’ 41 साल के हो चुके है, जिन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत 1999 में की थी। नजीर एक सलामी बल्लेबाज के तौर पर पाकिस्तान क्रिकेट टीम के सबसे अहम और पोपुलर खिलाड़ियों में से एक रहे। वह मैदान पर गगनचुंबी छक्के जड़ने के लिए जाने जाते थे।

स्टोरी हाइलाइट्स
  • इमरान नजीर ने अपनी गिरफ्तारी का किस्सा बताया

पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज ‘इमर नजीर’ 41 साल के हो चुके है, जिन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत 1999 में की थी। नजीर एक सलामी बल्लेबाज के तौर पर पाकिस्तान क्रिकेट टीम के सबसे अहम और पोपुलर खिलाड़ियों में से एक रहे। वह मैदान पर गगनचुंबी छक्के जड़ने के लिए जाने जाते थे।



उनके शानदार प्रदर्शन और दुनिया में फेम होने के चलते कई कंपनियां उन्हें अलग-अलग ब्रॉड्स के लिए चुनती थी, लेकिन उनका करियर साल 2012 में जल्द ही समाप्त हो गया। साल 2012 तक पाकिस्तान के लिए कुल आठ टेस्ट, 79 वनडे और 25 T20I मैच खेलने वाले इमरान ने हाल ही में नादिर अली के एक पॉडकास्ट के दौरान अपनी जिंदगी के सबसे मुश्किल दौर का जिक्र किया। उन्होंने उस समय को याद किया, जब उन्हें एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया था और जिसके बाद उन्हें कुल 3 दिनों तक जेल की हवा खानी पड़ी थी।इमरान नजीर ने अपनी गिरफ्तारी का किस्सा बताया
दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी इमरान नजीर ने अपने जिंदगी के सबसे मुश्किल दौर को लेकर एक खुलासा किया है। उन्होंने इस दौरान बताया कि यह अभी हुआ, लेकिन मुझे नहीं पता कि वह दृश्य क्या था, केवल अल्लाह ही जानता है, लेकिन यह सच है कि मेरे बैग में एक पिस्तौल थी, इसके बारे में सभी जानते हैं, मुझे नहीं पता कि यह कहां से है।
साल 1999 में इमरान जब 19 साल के थे, तो उस वक्त कराची जा रहे थे, लेकिन एयरपोर्ट के सुरक्षा स्टॉफ को उनके बैग से पिस्टल मिली थी, जिसे देखकर इमरान हैरान रह गए थे। उन्हें इस दौरान पता तक नहीं था कि यह पिस्टल आई तो आई कहा से। इस घटना के बारे में आगे बताते हुए इमरान ने कहा,
''वो पिस्टल  कहाँ से आई मुझे नहीं मालूम था, लेकिन मुझे मुस्लिम होने का पक्का विश्वास था और बाद में मैं इससे क्लियर हो गया, उन्होंने इसकी जांच की और मैं क्लियर था। मैं मर्डर्ड क में रहता था और यह मेरी पहली अंतर्राष्ट्रीय यात्रा थी, मैं कराची आ रहा था, जाहिर है, मैं अपना सामान भी कई बार चेक नहीं करता था, उस समय बार-बार सामान चेक करने का चलन नहीं था। मैं चौंक गया, उन्होंने मुझे पकड़ लिया, मैं अभी भी बंदूकों से अनजान हूं, लेकिन वह पिस्तौल थी। पीसीबी ने दखल दिया और फिर मैं 3 रात जेल में बिताने के बाद रिहा हुआ। उन्होंने जेल में मेरी देखभाल की। पीसीबी ने मेरी मदद की। उसके बाद मैंने क्रिकेट खेला और अद्भुत रिकॉर्ड बनाए। मेरे सीनियर्स ने मुझे इस भयानक घटना के बारे में भूलने और खेल पर फोकस करने के लिए कहा, जो मैंने किया। ''