क्या आप भी पेट्स के साथ करने जा रहें हैं ट्रेन में सफर, इन खास और जरूरी बातों का रखे ध्यान

जिन घरों में पेट्स होते हैं, वहां की वाइब्स ही अलग होती हैं। पेट्स आपकी लाइफ को टेंशन फ्री और खुशियों से भर देते हैं। हालांकि, जब आप कहीं घूमने का प्लान बनाते हैं, तो उनको छोड़कर जानें के ख्याल से भी मूड ऑफ हो जाता है। साथ ही उनको हर जगह साथ ले जाना भी आसान नहीं होता। ऐसे में लोग ज्यादातर ऐसी जगहों का प्लान ही करते हैं जहां कार से जा सकें। इसके अलावा ट्रेन का ऑप्शन भी अच्छा है।

travelling with pets

जिन घरों में पेट्स होते हैं, वहां की वाइब्स ही अलग होती हैं। पेट्स आपकी लाइफ को टेंशन फ्री और खुशियों से भर देते हैं। हालांकि, जब आप कहीं घूमने का प्लान बनाते हैं, तो उनको छोड़कर जानें के ख्याल से भी मूड ऑफ हो जाता है। साथ ही उनको हर जगह साथ ले जाना भी आसान नहीं होता। ऐसे में लोग ज्यादातर ऐसी जगहों का प्लान ही करते हैं जहां कार से जा सकें। इसके अलावा ट्रेन का ऑप्शन भी अच्छा है।

अगर आप भी अक्सर अपने पेट्स के साथ यात्रा पर जानें कि सोचते हैं, तो क्यों न ट्रेन से सफर किया जाए। जी हां, भारतीय रेल कुछ कोच में पेट्स को ले जाने की अनुमति देता है। ट्रेन से अपने पेट के साथ ट्रेवल करना न सिर्फ सुक्षित है बल्कि सस्ता और आरामदायक भी है।

इन नियमों का पालन करना होगा:

1.अपने पेट के साथ ट्रेन में सफर करने के लिए आपको फर्स्ट क्लास एसी (1A) का ही टिकट बुक करना होगा। ध्यान रखें कि इसके अलावा एसी स्लीपर कोच, सेकेंड क्लास कोच, AC 2 टियर, AC 3 टियर या फिर एसी चेयर कार कोच में पालतू जानवरों को ले जाने की अनुमति नहीं है।

2.फर्स्ट क्लास एसी (1A) में भी आपको या तो कूप बुक कराना होगा या फिर केबिन। कूप में दो बर्थ होती हैं और केबिन में चार बर्थ होती हैं।

3. एक बार आपका टिकट कंफर्म हो जाए, तो अपने टिकट की कॉपी लें और मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी को एक आवेदन पत्र लिखें। इससे आपको केबिन या कूप ही दिया जाएगा और आपके अलावा उसमें कोई और नहीं होगा।

4.सफर करने से पहले अपने पेट जानवर का हेल्थ सर्टिफिकेट बनवा लें। ध्यान रखें कि इसकी दो कॉपी बनवाएं। फिर अपने आधार कार्ड की भी दो कॉपी करवा लें। साथ ही टिकट की भी कॉपी निकलवा लें। पेट के हेल्थ कार्ड जिसमें सभी वैक्सीन के बारे में बताया हो, उसकी भी कॉपी करवा लें।

5.प्रस्थान समय से लगभग 4 घंटे पहले आपको अपने केबिन या कूप की पुष्टि मिल जाएगी।

6.    एक बार केबिन या कूप की पुष्टि हो जाए, तो प्रस्थान से कम से कम 2 घंटे पहले स्टेशन पर पहुंच जाएं। फिर पार्सल कार्यालय जाएं। वहां आपको अपने पालतू जानवर का हेल्थ सर्टीफिकेट, आपके आधार व टिकट की कॉपी और टीकाकरण कार्ड्स की कॉपी जमा करवानी होगी। वे आपके पेट के वजन के हिसाब से पार्सल शुल्क लगाएंगे।

7.ध्यान रहे कि आपके टिकट में केबिन या कूप की पुष्टि लिखी हो, उसके बाद ही इसकी कॉपी निकलवाएं।

8.यह पालतू जानवर के मालिक की ज़िम्मेदारी है कि वे उनके लिए कॉलर और चेन ले जाएं। साथ ही उनके खाने-पीने का बंदोबस्त भी करें।

9.अपने पालतू जानवरों के लिए खाना और पानी, और कुछ ट्रीट्स रखना न भूलें ताकि उन्हें पूरी यात्रा में व्यस्त रखा जा सके।

सफर से जुड़ी कुछ जरूरी बातें

§ ध्यान रखें कि कई पालतू जानवर सफर के दौरान थोड़ा तनाव में रहते हैं, जिसकी वजह से वे कुछ खाते या पीते नहीं। इसके लिए आप डॉक्टर से कुछ दवा भी ले सकते हैं।

§ आप जिस भी ट्रेन का टिकट बुक कर रहे हैं, उसका यात्रा मार्ग आपको ऑनलाइन मिल जाएगा। ट्रेन कहां-कहां से जाएगी और कितनी देर रुकेगी, इन सबकी जानकारी आपको मिल जाएगी। इस हिसाब से आप अपने पेट को समय-समय पर 10-15 के लिए ट्रेन से उतार सकते हैं और थोड़ा घुमा सकते हैं।

§ आप अपने साथ पी-पैड्स भी रख सकते हैं, ताकि एमरजेंसी में पेट उसी पर पेशाब करें। उसकी गंदगी साफ करने के लिए भी अतिरिक्त कपड़ा या पेपर रखें।

§ पेट के लिए जरूरी दवाइयां भी रखें। जैसे बुखार, उल्टी, दस्त, पेट दर्द आदि के लिए सफर से पहले उनके डॉक्टर से दवाएं ले लें।

§ साथ ही अपने पेट के लिए अतिरिक्त लीश और कॉलर भी साथ रखें।