नोएडा के सभी बॉर्डरों पर भारी जाम देखा गया, जहां सेक्टर 15ए से दिल्ली और कालिंदी कुंज रोड पर गाड़ियों की लंबी कतारें लगी रहीं
उत्तर प्रदेश के किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली की ओर कूच कर चुके हैं। इसके चलते दिल्ली बॉर्डर पर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। किसानों के आंदोलन के कारण दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट (डीएनडी) फ्लाईवे और चिल्ला बॉर्डर पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। सोमवार सुबह से रूट डायवर्जन और पुलिस की चेकिंग की वजह से बॉर्डर पर ट्रैफिक जाम लग गया।
उत्तर प्रदेश के किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली की ओर कूच कर चुके हैं। इसके चलते दिल्ली बॉर्डर पर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। किसानों के आंदोलन के कारण दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट (डीएनडी) फ्लाईवे और चिल्ला बॉर्डर पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। सोमवार सुबह से रूट डायवर्जन और पुलिस की चेकिंग की वजह से बॉर्डर पर ट्रैफिक जाम लग गया।
मुख्य समस्याएँ और यातायात व्यवस्था
चिल्ला बॉर्डर पर लंबी वाहनों की कतारें देखी गईं। दिल्ली जाने वाले मार्ग जैसे सेक्टर 15ए और कालिंदी कुंज से होकर निकलने वाली सड़कों पर वाहन धीरे-धीरे रेंगते दिखे। हालांकि, यातायात पुलिस ने सभी रेड लाइट्स को ग्रीन कर स्थिति को सामान्य करने की कोशिश की। गौतमबुद्धनगर पुलिस ने भी ट्रैफिक को नियंत्रित करने के प्रयास किए।
सुरक्षा प्रबंध
संयुक्त पुलिस अधीक्षक (SP) शिवहरि मीना ने बताया कि किसानों से वार्ता जारी है। स्थिति को संभालने के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। लगभग 5,000 पुलिसकर्मी, पीएसी के 1,000 जवान, वाटर कैनन, टियर गैस स्क्वॉड और अन्य सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।
दिल्ली में प्रवेश पर रोक
पूर्वी दिल्ली की डीसीपी अपूर्वा गुप्ता ने कहा कि संसद सत्र के चलते किसानों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए नोएडा पुलिस के साथ समन्वय किया जा रहा है। दिल्ली और यूपी बॉर्डर के प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
किसानों की प्रमुख मांगें
- किसानों को 10 प्रतिशत आबादी प्लॉट मिले।
- भूमि अधिग्रहण के तहत 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा दिया जाए।
- नए भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत बाजार दर का चार गुना मुआवजा मिले।
- भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास के लाभ दिए जाएं।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी दी जाए।
- आबादी वाले क्षेत्रों का उचित बंदोबस्त हो और इस पर शासनादेश जारी किया जाए।
किसानों ने इन मांगों पर जोर देते हुए आंदोलन तेज कर दिया है और सरकार से तुरंत कार्रवाई की उम्मीद जताई है।
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