
अल्ज़ाइमर को लेकर मिली एक बहुत बड़ी खुशखबरी, क्लिनिकल ट्रायल ने किया और भी प्रोत्साहित
इज़ाई कंपनी और उसके पार्टनर बायोजेन इंक का दावा है कि उनकी अल्ज़ाइमर की दवाई इस बीमारी के असर को प्रभावी तौर से धीमा कर देती है. एक बड़े ट्रायल में इस दवा के प्रयोग से पता चला है कि इससे भूलने की सबसे सामान्य बीमारी का बढ़ना साफ तौर से कम हो जाता है. प्लेसेबो की तुलना में लेसेनेमैब दवा ने 18 महीनों में शुरूआती बीमारी के इंसानों में दिमागी क्षमता पर असर को 27 प्रतिशत कम किया. कंपनी ने एक स्टेटमेंट में दावा किया है कि यही इस बीमारी का मुख्य लक्ष्य था. लेकिन यह फायदा कुछ साइड इफेक्ट्स के साथ आता है जिसमें दिमाग में सूजन और रक्तस्त्राव शामिल है.

इज़ाई कंपनी और उसके पार्टनर बायोजेन इंक का दावा है कि उनकी अल्ज़ाइमर की दवाई इस बीमारी के असर को प्रभावी तौर से धीमा कर देती है. एक बड़े ट्रायल में इस दवा के प्रयोग से पता चला है कि इससे भूलने की सबसे सामान्य बीमारी का बढ़ना साफ तौर से कम हो जाता है. प्लेसेबो की तुलना में लेसेनेमैब दवा ने 18 महीनों में शुरूआती बीमारी के इंसानों में दिमागी क्षमता पर असर को 27 प्रतिशत कम किया. कंपनी ने एक स्टेटमेंट में दावा किया है कि यही इस बीमारी का मुख्य लक्ष्य था. लेकिन यह फायदा कुछ साइड इफेक्ट्स के साथ आता है जिसमें दिमाग में सूजन और रक्तस्त्राव शामिल है.
यह सकारात्मक प्रभाव उन शोधकर्ताओं के लिए बड़ी उपलब्धि है जो दशकों से अल्ज़ाइमर के चलते दिमागी क्षमता में कमी को रोकने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन यह मरीजों के लिए और उनके परिवारों के लिए कितना अंतर लाएगा यह देखना होगा. यह दवा केवल बीमारी के असर को धीमा करती है लेकिन दिमागी क्षमता को हुए नुकसान की दोबारा भरपाई नहीं कर सकती.
मिनिसोटा में मायो क्लिनिक के न्यूरोलॉजिस्ट डेविड क्लनोपमैन कहते हैं, "यह सुधार की सतत प्रक्रिया है और हमारे क्षेत्र में इसी की उम्मीद थी."
रखनी होगी सावधानी
उन्होंने कहा, लेकिन एक सावधानी रखनी होगी कि इसका असर बना रहे और समय के साथ बढ़ सके. इसके लंबे समय तक प्रयोग की प्रभाव के बारे में हम अभी नहीं जानते हैं."
अल्जाइमर एसोसिएशन ने इन नतीजों का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि वो आज की तारीख में यह सबसे अधिक प्रोत्साहित करने वाले क्लिनिकल ट्रायल हैं.
करीब 1795 मरीजों पर किए गए ट्रायल में दवा लेने वाले करीब 21.3% लोगों में दिमाग में सूजन या ब्रेन ब्लीडिंग देखी गई, जबकि केवल प्लेसीबो वाले समूह में केवल 9.3% को यह समस्या आई. दवा लेने वाले अधिकतर लोग एसिम्पटोमैटिक थे लेकिन इनमें से 2.8 प्रतिशत लोगों को ब्रेन स्वैलिंग के लक्षण नज़र आए.
एमीलोइड
लेसेनेमैब उन दवाओं की लंबी कतार में सबसे ताजा है जो एमीलोइड को हटाने का लक्ष्य रखती हैं. यह एक ज़हरीला प्रोटीन है जो अल्ज़ाइमर के मरीजों के दिमाग में इकठ्ठा होता है. इससे पहले एमीलोइड हटाने के प्रयास या तो विफल हो गए या उनके मिश्रित नतीजे रहे.
लंबे समय से यह एक विवादित सिद्धांत रहा है कि समय के साथ एमीलोइड का जमा होना अल्ज़ाइमर का प्रमुख कारण है. यह नतीजे इस हाइपोथिसिस को बढ़ावा देते हैं.
मार्च 2023 का टार्गेट
इज़ाई ने कहा है कि वो लेसेनेमैब को मार्च 2023 के अंत तक इसके लिए पूरी तरह से अप्रूवल अप्लाई करेगा. यह कंपनी इसी समय में यूरोप और जापान में मार्केटिंग ऑथराइज़ेशन के लिए भी अप्लाई करने का विचार कर रही है.
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