आप भी इस नए वित्त वर्ष में बचाना चाहते हैं टैक्स?, एनपीएस की मदद से टैक्स होगा जीरो, अपनाएँ ये फॉर्मूला

नया वित्त वर्ष शुरू होने वाला है। ऐसे में वित्त वर्ष के शुरुआत में ही हम टैक्स सेविंग को लेकर प्लान कर लें तो साल के अंत में टैक्स बचाने की टेंशन खत्म हो जाएगी। टैक्स सेविंग के लिए सही तरीके से फाइनेंशियल प्लानिंग करना बेहद जरूरी होता है।

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नया वित्त वर्ष शुरू होने वाला है। ऐसे में वित्त वर्ष के शुरुआत में ही हम टैक्स सेविंग को लेकर प्लान कर लें तो साल के अंत में टैक्स बचाने की टेंशन खत्म हो जाएगी। टैक्स सेविंग के लिए सही तरीके से फाइनेंशियल प्लानिंग करना बेहद जरूरी होता है।

टैक्स बेनिफिट की जब भी बात आती है तो अक्सर करदाता को इनकम टैक्स एक्ट 80 सी के बारे में पता होता है। आयकर अधिनियम 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है।

आज हम आपको एक ऐसी इन्वेस्टमेंट स्कीम के बारे में बताएंगे जिसके जरिये आप अपनी इनकम में जीरो टैक्स भी कर सकते हैं। हम बात कर रहे हैं नेशनल पेंशन सिस्टम के बारे में, इसे कई लोग न्यू पेंशन स्कीम भी कहते हैं।

क्या आप जानते हैं कि इस स्कीम में डबल टैक्स बेनिफिट मिलता है। चलिए, आज हम आपको बताते हैं कि एनपीएस में आप डबल टैक्स बेनिफिट का फायदा कैसे उठा सकते हैं।

एनपीएस से डबल टैक्स बेनिफिट कैसे मिलेगा?

एनपीएस में इनकम टैक्स के सेक्शन 80CCD के तहत टैक्स बेनिफिट के लिए क्लेम कर सकते हैं। इस सेक्शन के दो सब-सेक्शन है- 80CCD(1) और 80CCD(2)। 80CCD(1) का सब-सेक्शन 80CCD(1B)है। जहां 80CCD(1) के जरिये 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट का लाभ उठा सकते हैं तो वहीं 80CCD(1B) में 50,000 रुपये का टैक्स छूट मिलता है। सेक्शन 80CCD में टैक्सपेयर को 2 लाख रुपये का बेनिफिट के साथ इनकम टैक्स छूट का क्लेम भी कर सकते हैं।

अगर एनपीएस में एंप्लॉयर यानी कंपनी के जरिये निवेश किया जाता है तो ज्यादा लाभ मिलता है। इसमें टैक्सपेयर के साथ कंपनी द्वारा भी इनकम टैक्स के लिए क्लेम किया जा सकता है। एनपीएस फंड में एंप्लॉयर के जरिये बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता का 10 फीसदी निवेश किया जा सकता है।

वहीं केंद्रीय कर्मचारी 14 फीसदी तक का निवेश एनपीएस में कर सकता है। देश में कई कंपनियां अपने कर्मचारी को एनपीएस की सुविधा देता है। आपको एनपीएस में निवेश करने के लिए अपनी कंपनी के एचआर से बात करनी होगी।

ऐसे करें टैक्स कैलकुलेशन

अगर आपकी सैलरी 10 लाख रुपये है को यह इनकम टैक्स स्लैब में शामिल है। अब टोटल सैलरी में से 80C का 1.5 लाख रुपए और 80CCD(1B) का 50 हजार रुपए को कम कर दें। इसके बाद 50,000 रुपये का और डिडक्शन करें।

अब टैक्सेबल इनकम 7.50 लाख रुपये होगी।

अब कंपनी कर्मचारी की रीइंबर्समेंट से लगभग 2.50 लाख रुपये तक का टैक्स बचा सकती है। इसके बाद टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये हो जाएगी यानी कि आपका इनकम टैक्स 0 (जीरो) हो जाएगा। अगर कर्मचारी की टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से कम होती है तो वह आयकर अधिनियम के सेक्शन 87A के तहत रिबेट का लाभ उठा सकता है। इसका मतलब है कि करदाता की कुल इनकम पर टैक्स जीरो हो जाएगा।