क्या आपने भी‘इमरजेंसी फंड’ कर रखा है तैयार?, कभी भी पड़ सकती है पैसों की जरूरत, खबर में जानें इस फंड के मायने

मुकुल गुड़गांव की एक टेक कंपनी में जॉब करते थे। कुछ समय पहले छंटनी में उनकी नौकरी चली गई। मुकुल ने ऐसे हालात से निपटने के लिए कोई आर्थिक तैयारी नहीं की थी। लिहाजा, उनके पास मकान का रेंट देने और जरूरी बिल देने के भी पैसे नहीं थे। वह EMI भरने से भी चूक गए।

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मुकुल गुड़गांव की एक टेक कंपनी में जॉब करते थे। कुछ समय पहले छंटनी में उनकी नौकरी चली गई। मुकुल ने ऐसे हालात से निपटने के लिए कोई आर्थिक तैयारी नहीं की थी। लिहाजा, उनके पास मकान का रेंट देने और जरूरी बिल देने के भी पैसे नहीं थे। वह EMI भरने से भी चूक गए।

मुकुल उन चार में से तीन भारतीयों में शामिल हैं, जिन्होंने अचानक से आने वाले खर्चों के लिए बचत नहीं की है। यहां तक कि अमेरिका जैसे विकसित देश में भी महज 44 फीसदी नौकरीपेशा लोगों ने ही मुश्किल हालात से निपटने के लिए इमरजेंसी फंड बनाने पर ध्यान दिया है। लेकिन, मुकुल की परेशानी से आपको अंदाजा हो गया होगा कि इमरजेंसी फंड बनाना कितना जरूरी है। हम आपको बताते हैं कि आप इमजरेंसी फंड कैसे बना सकते हैं और यह आपकी कमाई का कितना होना चाहिए।

इमरजेंसी फंड बनाने की क्यों है जरूरत?

इमरजेंसी फंड के बहुत से फायदे हैं। अगर आपको अचानक से पैसों की जरूरत पड़ती है, तो किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा। आप पर कर्ज का कोई बोझ नहीं पड़ेगा। वहीं, अगर आपके पास इमरजेंसी फंड नहीं होगा, तो आपको ना चाहते हुए भी कर्ज लेना पड़ेगा। इस सूरत में आप ना तो पैसे बचा पाएंगे और ना ही निवेश कर पाएंगे।

इमरजेंसी फंड में कितनी रकम होनी चाहिए?

आपको सबसे पहले हिसाब लगाना होगा कि आपका मासिक खर्च कितना है। इसमें किराया, राशन और दवाओं के साथ अन्य जरूरी खर्चों को भी जोड़ना चाहिए। अगर EMI जैसे मासिक किश्त भी चल रही है, तो उसे भी हिसाब में जोड़ लीजिए। फिर इसमें 12 से गुणा करिए और यह होगी आपकी इमरजेंसी फंड वाली रकम।

मिसाल के लिए, आपका कुल मासिक खर्च 50 हजार रुपये है, तो आपका इमरजेंसी फंड कम से कम 6 लाख रुपये का होना चाहिए। जब यह इमरजेंसी फंड तैयार हो जाए, तभी दूसरी चीजों में पैसे खर्च करें।

इमरजेंसी फंड कैसे बनेगा?

-आपको अपनी कमाई का 30 फीसदी बचाना चाहिए। इसमें से 15 फीसदी हिस्सा निवेश करें, बाकी 15 फीसदी हिस्सा इमरजेंसी फंड के लिए रखें। यह सिलसिला फंड तैयार होने तक जारी रखना चाहिए।

-इमरजेंसी फंड वाली रकम को किसी ऐसी जगह इन्वेस्ट ना करें, जहां रिटर्न जोखिमों के अधीन हो, जैसे कि शेयर बाजार। इसे एकदम सेफ मानी स्कीमों ही लगाना चाहिए।

- अगर आपको लग रहा कि जॉब पर खतरा है, तो आप इमरजेंसी फंड वाली रकम को बढ़ा भी सकते हैं। साथ ही गैरजरूरी खर्चों को एकदम बंद कर देना चाहिए।

-अगर किसी महीने इमरजेंसी फंड से कुछ पैसे खर्च करने की नौबत आती है, जैसे कि जरूरी बिल पेमेंट, तो कोशिश करें कि अगले महीने उसकी भरपाई हो जाए।

-इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल सिर्फ आपातकालीन परिस्थितियों में ही करें। जैसे कि आपकी नौकरी छूट गई या फिर मेडिकल खर्च बहुत अधिक हो गया हो।

इमरजेंसी फंड की सुरक्षित जहग क्या होनी चाहिए?

इमरजेंसी फंड का मतलब ही यह है कि आप ये पैसे अचानक आने वाली मुश्किलों के लिए बचाए हैं। इसलिए यह फंड ऐसी जगह रखें, जहां ब्याज भले ही कम मिले, लेकिन जरूरत के वक्त पैसे बिना किसी झंझट के मिल जाएं। आप इमरजेंसी फंड वाली रकम का एफडी करा सकते हैं या उसे अलग सेविंग अकाउंट में रख सकते हैं या फिर लिक्विड म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं। लिक्विड फंड को तोड़ने पर पेनल्टी नहीं लगती।