कक्षा 1 से 9 और कक्षा 11वीं की परीक्षाओं का शेड्यूल आया सामने
महाराष्ट्र में पहली से नौंवी तक और 11 वीं तक की परीक्षाएं अप्रैल के अंतिम सप्ताह में आयोजित की जाएगी। इसके अलावा, महाराष्ट्र शिक्षा विभाग ने एक और अहम फैसला किया है, कि पिछले सालों में कोविड-19 के चलते स्कूलों को बंद करने के कारण पढ़ाई को काफी नुकसान हुआ है। इसलिए इस समय की भरपाई करने के लिए राज्य में 1 से 9 और कक्षा 11वीं के छात्रों के लिए अप्रैल के अंत तक कक्षाओं का संचालन करना जारी रहेगा।
- महाराष्ट्र में पहली से नौंवी तक और 11 वीं तक की परीक्षाएं अप्रैल के अंतिम सप्ताह में आयोजित की जाएगी
महाराष्ट्र में पहली से नौंवी तक और 11 वीं तक की परीक्षाएं अप्रैल के अंतिम सप्ताह में आयोजित की जाएगी। इसके अलावा, महाराष्ट्र शिक्षा विभाग ने एक और अहम फैसला किया है, कि पिछले सालों में कोविड-19 के चलते स्कूलों को बंद करने के कारण पढ़ाई को काफी नुकसान हुआ है। इसलिए इस समय की भरपाई करने के लिए राज्य में 1 से 9 और कक्षा 11वीं के छात्रों के लिए अप्रैल के अंत तक कक्षाओं का संचालन करना जारी रहेगा।
इसी निर्देश के अनुरूप राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग (State School Education Department) ने भी स्कूल स्तर की वार्षिक परीक्षाएं आयोजित करने की समय-सीमा अप्रैल 2022 के अंत तक बढ़ाने का फैसला किया है। हालांकि पहले के आदेश के अनुसार स्कूल स्तर की वार्षिक परीक्षाएं 15 अप्रैल से होनी थीं, जिन्हें अब अप्रैल 2022 के तीसरे सप्ताह तक आगे बढ़ा दिया गया है। वहीं परीक्षाओं के पूरा होने के बाद, स्कूलों से एक महीने के भीतर मूल्यांकन कार्य पूरा करने और मई 2022 के अंत तक वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित करने की उम्मीद की जा रही है। वहीं इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार के संयुक्त सचिव आई एम काजी (I M Kazi, joint secretary, Maharashtra government) ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे आधे दिन के बजाय शनिवार को पूरा दिन और रविवार को स्वेच्छा से काम करें।
समर वेकेशन टाली
महाराष्ट्र में समर वेकेशन की परीक्षाएं भी टाल दी गई हैं। पहले आमतौर पर, कक्षा 1 से 9 और 11 के छात्रों के लिए गर्मी की छुट्टियां 15 अप्रैल 2022 तक घोषित की जाती है। हालांकि, इस बार, लॉकडाउन और स्कूल बंद होने के कारण, पढ़ाई के नुकसान को देखते हुए इन कक्षाओं के लिए पूरे दिन का स्कूल शेड्यूल अप्रैल के अंत तक बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा, स्कूलों को शनिवार को पूरे दिन और रविवार को स्वेच्छा से काम करने के लिए भी कहा गया है ताकि छात्र-छात्राओं की पढ़ाई को हुए नुकसान की कुछ भरपाई की जा सके।
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