
मानसून के मौसम में घेवर एक ऐसी मिठाई है जो जल्दी खराब नहीं होती है। इसे केवल मैदे से ही नहीं बल्कि आटे से भी बनाया जा सकता है।
लड्डू, पेड़ा, गुलाबजामुन, रसगुल्ला जैसी मिठाइयाँ तो सालभर मिलती हैं, लेकिन घेवर एक ऐसी मिठाई है जो केवल मानसून के दौरान ही देखने और चखने को मिलती है। सावन के महीने में मिठाई की दुकानें घेवर से सज जाती हैं और हरियाली तीज पर इसे घरों में भी बनाया जाता है। आइए जानते हैं कि बारिश के मौसम में घेवर खाने की क्या खास वजह है।

लड्डू, पेड़ा, गुलाबजामुन, रसगुल्ला जैसी मिठाइयाँ तो सालभर मिलती हैं, लेकिन घेवर एक ऐसी मिठाई है जो केवल मानसून के दौरान ही देखने और चखने को मिलती है। सावन के महीने में मिठाई की दुकानें घेवर से सज जाती हैं और हरियाली तीज पर इसे घरों में भी बनाया जाता है। आइए जानते हैं कि बारिश के मौसम में घेवर खाने की क्या खास वजह है।
मानसून में घेवर खाने का कारण
बारिश के समय वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जिससे अन्य मिठाइयाँ ज्यादा दिनों तक ताज़ी नहीं रह पातीं। उनके स्वाद और खुशबू में भी बदलाव आ जाता है और वे चिपचिपी हो जाती हैं। लेकिन घेवर एक ऐसी मिठाई है जिसका स्वाद नमी के साथ और भी बढ़ जाता है। नमी के कारण घेवर की सॉफ्टनेस बढ़ जाती है। अगर घेवर पर खोया या पनीर की टॉपिंग न हो तो यह और भी ज्यादा दिनों तक टिक सकता है।
अन्य कारण
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बारिश के मौसम में दूध और दूध से बनी चीज़ों को कम खाने की सलाह देते हैं, क्योंकि यह पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है। पहले के जमाने में घेवर केवल मैदा, चीनी और पानी से बनाया जाता था, जिससे इसे खाने में पेट खराब होने की चिंता नहीं होती थी। अब इसमें दूध, मावा, रबड़ी और ड्राई फ्रूट्स मिलाकर इसका स्वाद बढ़ा दिया गया है, लेकिन इसे ज्यादा मात्रा में खाना संभव नहीं हो पाता। फिर भी, मीठे की क्रेविंग को शांत करने के लिए घेवर एक अच्छा विकल्प है।
घर में आटा घेवर बनाने की विधि
सामग्री:
- 2 कटोरी गेहूं का आटा
- 1/4 कटोरी देसी घी
- 1/4 कटोरी ठंडा दूध
- 1/2 छोटा चम्मच नींबू का रस
- 1 कटोरी पानी
- 2 कटोरी ठंडा पानी
- थोड़ी सी बर्फ
- तलने के लिए तेल या घी
चाशनी के लिए:
- 2 कप चीनी
- 1 कप पानी
- केसर के कुछ धागे
- 1/2 छोटा चम्मच इलायची पाउडर
सजावट के लिए:
- 1 कप रबड़ी
- 2 बड़े चम्मच पिस्ता
- 2 बड़े चम्मच बादाम
बनाने की विधि:
1. एक बड़े बर्तन में घी लें और उसमें बर्फ के टुकड़े डालें।
2. इसे तब तक फेंटें जब तक कि घी का सफेद और क्रीमी टेक्सचर न आ जाए।
3. फिर बर्फ के टुकड़ों को निकालकर घी में दूध और आटा मिलाएं। इसे अच्छे से मिलाकर गाढ़ा घोल बना लें।
4. अब इस मिश्रण में थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए पतला घोल बना लें। फिर नींबू का रस मिलाएं और घोल को 30 मिनट के लिए ढककर छोड़ दें।
5. एक गहरी और भारी तले वाली कड़ाही में घी गर्म करें।
6. छोटी कटोरी से घोल को गर्म घी में थोड़ी ऊंचाई से डालें।
7. इसे बीच में डालें और घोल को धीरे-धीरे किनारे की ओर फैलने दें। घेवर को धीमी आंच पर सुनहरा होने तक तलें और फिर एक प्लेट में निकाल लें।
8. एक पैन में चीनी और पानी मिलाकर गर्म करें। एक तार की चाशनी बना लें और उसमें केसर और इलायची पाउडर डालकर मिलाएं।
9. तले हुए घेवर को हल्का ठंडा होने दें फिर उस पर चाशनी डालें और अच्छी तरह सोखने दें।
10. घेवर को प्लेट में रखें और इसके ऊपर रबड़ी डालें। कटे हुए पिस्ता, बादाम और गुलाब की पंखुड़ी से सजाकर परोसें।
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