अखिलेश यादव नें 2024 चुनाव लेकर दिया बयान, पत्रकारों के सवाल पर I.N.D.I.A गठबंधन के साथ भविष्य पर सपा अध्यख दिखा अलग अंदाज़

मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, "कांग्रेस को जब समर्थन की जरूरत थी उस समय समाजवादी पार्टी ने उसका समर्थन किया। जिस समय कांग्रेस के नेताओं से बात हुई उस समय मैंने कहा था कि जो हमसे सहयोग लेना चाहो ले लो, हम भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे।

स्टोरी हाइलाइट्स
  • कांग्रेस पर लगाया धोखेबाजी का आरोप

मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, "कांग्रेस को जब समर्थन की जरूरत थी उस समय समाजवादी पार्टी ने उसका समर्थन किया। जिस समय कांग्रेस के नेताओं से बात हुई उस समय मैंने कहा था कि जो हमसे सहयोग लेना चाहो ले लो, हम भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे।


उस समय रात 1 बजे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री के साथ बैठक हुई। बैठक के बाद हमें आश्वासन दिया गया कि विधानसभा चुनाव में हमें लगभग 6 सीटें दी जा सकती हैं, लेकिन जब कांग्रेस की सूची आई तो हमारी जीती हुई सीटों पर भी उन्होंने प्रत्याशी घोषित कर दिया।  



अखि‍लेश ने क्यों कहा, ''मजबूर”
बता दें, मध्य प्रदेश में आइएनडीआइए गठबंधन तितर-बितर होता दिख रहा है। प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस और सपा की आपस में ही ठन गई है। एक तरफ अखिलेश यादव जहां फ्रंट फुट पर आकर कांग्रेस पर आरोपों की बौछार कर रहे हैं, तो वहीं कांग्रेस तमाम सवालों से बचती नजर आ रही है। छिंदवाड़ा में मीडिया के साथ बातचीत में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा क‍ि राज्य में माहौल बहुत अच्छा है। उन्‍हें लोगों के फोन आ रहे हैं कि जनता के बीच चुनावों को लेकर बहुत उत्साह है। इस बीच जब उनसे अखिलेश को लेकर सवाल किया गया तो उन्हें यह कह कर नजरअंदाज कर दिया कि 'अरे भाई छोड़ो अखिलेश-अखिलेश'।



कांग्रेस पर लगाया धोखेबाजी  का आरोप 
इससे पहले गुरुवार को सपा प्रमुख ने कांग्रेस पर धोखेबाजी करने के आरोप लगाए थे। अखि‍लेश ने कहा था कि मध्य प्रदेश में I.N.D.I.A गठबंधन को सीट देने के आश्वासन के बाद अब कांग्रेस मुकर गई है। अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर दूसरे दलों को बेवकूफ बनाने की बात कहते हुए कहा 'अगर हमें यह जानकारी होती कि इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (आइएनडीआइए) विधानसभा स्तर पर गठबंधन नहीं करेगी, तो हम अपने नेताओं को न ही वार्ता के लिए भेजते और न ही उनके फोन उठाते।'