इस दीपावली कीजिए माँ लक्ष्मी की विशेष पूजा, माँ होगी प्रसन्न और बरसेगी खूब कृपा
हिंदू पंचांग के अनुसार, दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। दीपों का ये त्यौहार अधर्म पर धर्म की विजय के रूप में मनाया जाता है। दिवाली के दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश, मां सरस्वती की पूजा करने का विधान है। दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करते समय कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। आइए जानते हैं कि मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए किन नियमों का रखें ख्याल।
- हिंदू पंचांग के अनुसार दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। दीपों का ये त्यौहार अधर्म पर धर्म की विजय के रूप में मनाया जाता है। दिवाली के दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश, मां सरस्वती की पूजा करने का विधान है। दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करते समय कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। आइए जानते हैं कि मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए किन नियमों का रखें ख्याल।
पंचांग के अनुसार, इस साल दिवाली का पर्व 24 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इसके साथ ही नरक चतुर्दशी भी इसी दिन मनाई जाएगी। इसके अगले दिन सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। जानिए दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन करते समय किन बातों का रखें ख्याल।
लक्ष्मी जी की पूजा करते समय ध्यान रखें बातें
§ दिवाली के दिन महालक्ष्मी की पूजा करते समय चौघड़िया मुहूर्त का विशेष ध्यान रखें। माना जाता है कि इस मुहूर्त में पूजा करने से मां लक्ष्मी जल्द प्रसन्न होती हैं।
§ दिवाली के दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान श्री गणेश, भगवान कुबेर और मां ,सरस्वती की पूजा जरूर करें।
§ दीपावली के दिन महालक्ष्मी के ,सामने सात मुख वाला घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है।
§ दिवाली के दिन पूजन के समय एक कलश की स्थापना भी जरूर करें। आप कांस्य, ताम्र के कलश में मुंह में कलावा बांध दें और जल भरकर आम के पत्ते डाल दें।
§ दिवाली के दिन द्वार में वंदनवार जरूर बांधे। इसके साथ ही महालक्ष्मी के पदचिन्ह मुख्य द्वार में इस तरह लगाएं कि वह बाहर से अंदर आते हुए प्रतीत हो।
§ महालक्ष्मी की पूजा करते समय मखाना, सिंघाड़ा, बताशा, खीर, अनार, पान, सफेद और पीले रंग की मिठाई, गन्ना आदि जरूर अर्पित करें।
§ महालक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपका मुख उत्तर या फिर उत्तर पूर्व दिशा की ओर रहे।
§ महालक्ष्मी के साथ-साथ कुबेर यंत्र भी सही दिशा में रखें। ऐसा करने से धन लाभ होता है।
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