जापान ने ताईवान का किया समर्थन, चाईना को ताईवान सीमा से युधाभ्यास तुरंत रोकने को कहा

जापान के प्रधानमंत्री ने चीन के तरफ से ताइवान के करीब समुद्र में बैलिस्टिक मिसाइल दागने की आलोचना की. उन्होंने कहा कि यह गंभीर समस्या है जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकों ने रक्षा को प्रभावित करती है." जापान ने कहा कि चीन की पांच मिसाइलें ऐसा लगता है कि हमारे देश के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में गिरी हैं, जिनमें से चार को ताइवान की मुख्य ज़मीन के उपर से उड़कर आई हुई बताया जा जा रहा है."

nancy pelosi

जापान के प्रधानमंत्री ने चीन के तरफ से ताइवान के करीब समुद्र में बैलिस्टिक मिसाइल दागने की आलोचना की. उन्होंने कहा कि यह गंभीर समस्या है जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकों ने रक्षा को प्रभावित करती है." जापान ने कहा कि चीन की पांच मिसाइलें ऐसा लगता है कि हमारे देश के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में गिरी हैं, जिनमें से चार को ताइवान की मुख्य ज़मीन के उपर से उड़कर आई हुई बताया जा जा रहा है."

जापान के मुख्यमंत्री फुमियो किशिदा ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पेलोसी के साथ नाश्ते पर हुई बैठक के बाद पत्रकारों से कहा,"इस बार चीन की हरकतों का असर हमारे क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की शांति, स्थिरता पर पड़ेगा."

उन्होंने कहा, " मैंने उन्हें बताया है कि हमने इन सैन्य अभ्यासों को तुरंत रोकने को कहा है."

पेलोसी फिलहाल जापान की राजधानी टोक्यो में हैं और यह उनके एशिया दौरे का आखिरी मुकाम है. इसी दौरे पर वो ताइवान पहुंचीं थीं, जिसके बाद चीन भड़क गया है और उसे प्रतिक्रिया के तौर पर ताइवान के आस-पास अपना सबसे बड़ा सैन्य अभियान शुरू कर दिया है.

ताइवान ने बताया था कि चीन स्थानीय ने गुरुवार को शाम 4 बजे तक ताइवान के करीब समुद्र में 11 मिसाइलें दागीं. चीन का यह सैन्य-अभ्यास अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान में हुई यात्रा  के विरोध में हो रहा है. चीन ताइवान के ईर्दगीर्द 6 इलाकों में सैन्य अभ्यास कर रहा है.

82 साल की राजनैता नैन्सी पेलोसी ने चीन की सख़्त धमकियों की परवाह ना करते हुए ताइवान की यात्रा की. वो कई सालों में ताइवान पहुंचने वाली सबसे बड़े स्तर की अमेरिकी अधिकारी बन गई हैं. उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा से यह साफ है कि अमेरिका अपने लोकतांत्रिक सहयोगियों को अकेला नहीं छोड़ेगा.

चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और वह एक दिन ताइवान को चीन में पूर्ण तौर पर मिलाने की शपथ ले चुका है, चाहे वो बलपूर्वक ही क्यों ना हो.

किशिदा ने बताया कि नैन्सी पेलोसी और उन्होंने उत्तर-कोरिया, चीन और रूस से जुड़े भूराजनैतिक मुद्दों की चर्चा की और साथ ही इस बारे में बात की कि दुनिया को परमाणु मुक्त कैसे बनाया जाए.

गुरुवार रात को पेलोसी साउथ कोरिया पहुंचीं थी, जो अमेरिका का एक और मुख्य सहयोगी है जहां उन्होंने परमाणु क्षमता संपन्न उत्तर-कोरिया से लगते बॉर्डर का भी दौरा किया. 2015 के बाद नैन्सी पेलोसी पहली बार जापान पहुंचीं हैं.