इस साल सीनियर एक्‍जीक्‍यूटिव की सैलरी में हुआ बड़ा इज़ाफा, पढ़िए पूरी रिपोर्ट में क्या है ख़ास

भारत में सीनियर एक्‍जीक्‍यूटिव्‍स की 2022 में सैलरी बंपर बढ़ी है। उनके वेतन में 2022 में 8.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि 2021 में यह 7.9 प्रतिशत थी। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। Global professional services firm Aon की रिपोर्ट में 20 से अधिक उद्योगों की 475 कंपनियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया हCEO से नीचे Pay at Risk 50 फीसद के आसपास
फर्म के मुताबिक CEO के लिए Pay at Risk (जिसमें Variable Pay और Long term incentive शामिल है) करीब 60 फीसद है। वहीं chief operating officer, chief financial officer, sales head और chief human resources officer की Pay at Risk 50 फीसद के आसपास है। CEO का एनुअल लॉन्‍ग टर्म इंसेटिव फिक्‍स्‍ड पे का 125 फीसद है।

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • Average Executive Compensation में 5 साल में सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई
  • कर्मचारी के प्रदर्शन और रिटेंशन बेस्‍ड ग्रांट्स का इस्‍तेमाल होता है इंक्रीमेंट में
  • भारत में सीनियर एक्‍जीक्‍यूटिव्‍स की 2022 में सैलरी बंपर बढ़ी है।

भारत में सीनियर एक्‍जीक्‍यूटिव्‍स की 2022 में सैलरी बंपर बढ़ी है। उनके वेतन में 2022 में 8.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि 2021 में यह 7.9 प्रतिशत थी। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। Global professional services firm Aon की रिपोर्ट में 20 से अधिक उद्योगों की 475 कंपनियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया हCEO से नीचे Pay at Risk 50 फीसद के आसपास
फर्म के मुताबिक CEO के लिए Pay at Risk (जिसमें Variable Pay और Long term incentive शामिल है) करीब 60 फीसद है। वहीं chief operating officer, chief financial officer, sales head और chief human resources officer की Pay at Risk 50 फीसद के आसपास है। CEO का एनुअल लॉन्‍ग टर्म इंसेटिव फिक्‍स्‍ड पे का 125 फीसद है।



कर्मचारी के प्रदर्शन और रिटेंशन बेस्‍ड ग्रांट्स का इस्‍तेमाल होता है इंक्रीमेंट में
फर्म के मुताबिक ज्‍यादातर कंपनियां कर्मचारी के प्रदर्शन और रिटेंशन बेस्‍ड ग्रांट्स का इस्‍तेमाल इंक्रीमेंट में करती हैं। इसमें 50 फीसद ग्रांट प्रदर्शन उपाय से लिंक होती है, मसलन शेयरहोल्‍डर रिटर्न, प्रॉफिट, रेवेन्‍यू और कैश फ्लो।
भारतीय कंपनियां बाहरी टैलेंट पर भरोसा कर रहीं
इंडिया फॉर ह्यूमन कैपिटल सॉल्‍यूशंस में पार्टनर और सीईओ नितिन सेठी ने कहा कि बीते दशकों में भारतीय कंपनियां बाहरी टैलेंट पर भरोसा कर रही हैं। Covid 19 महामारी के कारण टैलेंट की मार्केट में कमी हो गई है जबकि कॉस्‍ट ऑफ अट्रैक्‍टिंग, रिटेनिंग और लीडरशिप टैलेंट को हायर करने में तेज बढ़ोतरी हो रही है।Average Executive Compensation में 5 साल में सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई
उनके मुताबिक न केवल औसत कार्यकारी मुआवजे (Average Executive Compensation) में 5 साल में सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई है, बल्कि वैरिएबल पे और इक्विटी ग्रांट भी बढ़े हैं क्योंकि कंपनियां सीनियर लेवल पर प्रमुख प्रतिभाओं को खोने का जोखिम नहीं उठा सकती हैं। इसका प्रभाव व्यावसायिक प्रदर्शन पर पड़ता है