गंगा जी में गलती से भी न डालें ये चीजें, वरना आपको जीवन भर के लिए परेशानी हो सकती है

गंगा सप्तमी पर गंगा नदी में निम्नलिखित चीजें डालने से बचें:

ganga saptami

गंगा सप्तमी पर गंगा नदी में निम्नलिखित चीजें डालने से बचें:

अस्थि या किसी भी मृत्युशंखु को न डालें।

पुराने कपड़े न डालें।

शैम्पू, साबुन आदि न डालें।

पूजन सामग्री को न डालें।

गंगा स्नान के समय पवित्रता का ख्याल रखें।

देवी गंगा का ध्यान करते हुए स्नान करें।

अशुद्ध चीजों को गंगा में न डालें।

गंगा सप्तमी की तिथि और समय:

वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 13 मई, 2024 को शाम 5:20 बजकर शुरू होगी और 14 मई, 2024 को शाम 6:49 बजकर समाप्त होगी।

गंगा सप्तमी पर मां गंगा की इस स्तुति का पाठ करें:

"गांगं वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतम्। त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु माम्॥"

"देवि सुरेश्वरि भगवति गङ्गे त्रिभुवनतारिणि तरलतरङ्गे। शङ्करमौलिविहारिणि विमले मम मतिरास्तां तव पदकमले॥"

"भागीरथि सुखदायिनि मातस्तव जलमहिमा निगमे ख्यातः। नाहं जाने तव महिमानं पाहि कृपामयि मामज्ञानम्।"

"हरिपदपाद्यतरङ्गिणि गङ्गे हिमविधुमुक्ताधवलतरङ्गे। दूरीकुरु मम दुष्कृतिभारं कुरु कृपया भवसागरपारम्।"

"तव जलममलं येन निपीतं परमपदं खलु तेन गृहीतम्। मातर्गङ्गे त्वयि यो भक्तः किल तं द्रष्टुं न यमः शक्तः॥"