Omay Foods नें बनाई अपनी अलग पहचान, हेल्थी खाने के साथ मार्केटिंग पर भी दिया ध्यान;

बहुत कम ही लोग होते हैं जिनका ध्यान समस्या की जगह समाधान पर जाता है। तब ऐसे ही लोग करिश्मा करते हैं और अपना नाम बनाते हैं। सेल्स और मार्केटिंग की नौकरी करने वाले और काम के सिलसिले में एक राज्य से दूसरे राज्य का दौरा करने वाले विजय कट्टा (Vijay Katta) को यह नहीं पता था कि वह हेल्दी और टेस्टी स्नैक्स के बाजार में आएंगे और अपना नाम कमाएंगे। जयपुर में पले-बढ़े विजय ने कॉर्पोरेट की नौकरी करते समय यह महसूस किया कि अगर लोगों को फास्ट फूड की जगह टेस्टी, हेल्दी और किफायती स्नैक्स दिया जाए तो वो उसका जरूर सेवन करेंगे। उहोंने देखा कि भुने हुए हेल्दी स्नैक्स का बाजार न केवल देश में बल्कि विदेशों में फैला हुआ है। ऐसे में उन्होंने Omay Food नाम से अपना फूड प्रोसेसिंग का कारोबार शुरू किया। यह कंपनी हेल्दी, रेडी टू ईट और स्वादिष्ट स्नैक्स बनाती है, साथ ही जिस तरीके से ये हैल्दी स्नैक्स बनाते हैं, उससे इन्होंने राजस्थान की खाद्य परंपरा को जीवंत रखा है।
फूड प्रोसेसिंग का कारोबार शुरू करने की प्रेरणा कहां से मिली
राजस्थान के जयपुर से आने विजय कट्टा ने Omay Food की शुरुआत 2018 में की थी। इससे पहले उन्होंने कॉर्पोरेट प्रोफेशनल के रूप में 6 साल नौकरी की है। उनकी विशेषज्ञता सेल्स और मार्केटिंग में है, जिसकी वजह से उन्हें ट्रैवल करना पड़ता था। शुरुआत में उन्हें यह काफी अच्छा लगता था। वह बाहर घूमते थे और कंपनी कार्ड पर अलग-अलग तरह के व्यंजनों का मजा भी लेते थे। लेकिन कहते हैं ना कि, कई बार एक ही तरह का काम करके आदमी को बोरियत महसूस होने लगती है। ऐसा ही हुआ विजय के साथ। उन्हें धीरे-धीरे लगने लगा कि बाहर का खाना उनके लिए सही नहीं है, इसलिए वह घर से खाना बांधकर ले जाते थे। लेकिन बहुत सुबह उठकर खाना पैक करवाना कई बार व्यावहारिक नहीं होता था। यही से उन्हें प्रेरणा मिली कुछ ऐसे स्नैक्स या रेडी टू मील की, जिसे लैपटॉप बैग में आसानी से रखा जा सके और ट्रैवल के दौरान खाया जा सके, जो हेल्दी के साथ स्वादिष्ट भी हो। तब उनके दिमाग में Omay Food नाम से कंपनी खोलने का विचार आया, जिसका मुख्य ब्रांच जयपुर में है।
रोस्टिंग राजस्थान के खाने की एक विशेष प्रक्रिया है, जिसमें ड्राई फ्रूट को नमक के साथ भूना जाता है। पहले चूल्हे पर यह प्रकिया होती थी, लेकिन पिछले दो दशक से इसमें काफी सुधार हुआ है। इस प्रक्रिया में नमक को 300 से 400 डिग्री में रोस्ट किया जाता है। खास बात यह है कि रोस्टिंग की इस प्रकिया में तेल का इस्तेमाल नहीं किया जाता, जो सेहत के लिए अच्छा भी है। इस चीज ने विजय को काफी प्रभावित किया। उनकी कंपनी Omay Foods इसी प्रक्रिया को अपनाकर स्नैक्स बनाती है। जैसा कि ये एक पुरानी प्रक्रिया है, इसलिए इसमें हैवी मशीन की भी जरूरत नहीं है। आज के दिन यह स्टार्टअप 40 से 50 तरह के स्नैक्स तैयार करता है, जिसमें ड्राई फ्रूट स्नैक्स, चिया सीड स्नैक, फ्लैक्स सीड स्नैक, बिना तेल के आलू के चिप्स शामिल है। इस तरह के स्नैक्स को भारत के साथ विदेशों में भी पसंद किया जा रहा है। इस कंपनी के प्रोडक्ट्स से न केवल युवा बल्कि बुजुर्ग भी काफी प्रभावित हैं, क्योंकि कंपनी अपने प्रोडक्ट्स में तेल का कम इस्तेमाल करती है। खास बात यह है कि इससे स्वाद भी बरकरार रहता है।
व्‍यवसाय की ग्रोथ के लिए प्‍लैटफॉर्म के तौर पर फेसबुक को चुना
आज के समय में हर कोई फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्‍हाट्सऐप इस्तेमाल कर रहा है। विजय कट्टा ने जब अपनी कंपनी Omay Foods की शुरुआत की, तभी से उनकी योजना थी कि इसकी मार्केटिंग राजस्थान के साथ-साथ पूरे देश में करनी है। वह अपने ब्रांड को विदेशों में भी ले जाना चाहते थे। फेसबुक और इंस्टाग्राम की उपस्थिति पूरे विश्वभर में है और इस पर हर वर्ग के यूजर्स हैं। इसलिए उन्होंने इसे चुना। वह फेसबुक और इंस्टाग्राम को छोटे कारोबारियों के लिए जरूरी मानते हैं। यह एक ऐसे प्लैटफॉर्म है, जहां खबरों से लेकर हर तरह की जानकारी इस पर मिल जाती है। साथ ही, ये प्लैटफॉर्म हर किसी के लिए फ्री में उपलब्ध है। ऑर्गेनिक रीच प्राप्त करने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्‍हाट्सऐप ने विजय की काफी मदद की। इनकी टीम ने इन फ्लैटफॉर्म की मदद ली और लोगों में अपने प्रोडक्ट्स को लेकर जागरुकता फैलाई कि Omay Foods के प्रोडक्ट्स कैसे बनते हैं? इन प्रोडक्ट्स को क्यों खाना चाहिए? Omay Foods में क्या-क्या विकल्प है? आदि। इसके अलावा इन फ्लैटफॉर्म पर Omay Foods के बारे में जानकारियां और स्टोरीज को साझा भी किया जाता था। विजय कट्टा का फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्‍हाट्सऐप से जुड़ने का एक और कारण है, वो यह है कि वह लोगों से सीधे जुड़ना चाहते थे और उनकी जरूरतों को समझना चाहते थे। और लोगों से जुड़ने के लिए ये बहुत ही अच्छे प्लैटफॉर्म है
Omay Foods को देश-विदेश तक पहुंचाने में फेसबुक ने की मदद
Omay Foods एक हेल्दी ब्रांड है और विजय कट्टा चाहते हैं कि इसकी पहुंच बड़े शहरों के साथ-साथ दूर-दराज के इलाके में भी हो ताकि पूरे भारत को हेल्दी चीजे खाने की आदत लगे। इसके लिए उन्होंने फ्री प्लैटफॉर्म फेसबुक और इंस्टाग्राम को चुना। इसके माध्यम से उन्होंने दूर-दराज के इलाकों से आने कस्टमर्स को खुद से जोड़ लिया है। आज के समय में इनके पास नॉर्थ ईस्ट के ग्राहक सबसे ज्यादा हैं। कंपनी का उनके साथ एक पर्सनल रिलेशन डेवलप हो गया है। अब वह वेबसाइट पर कम जाते हैं, सीधे व्‍हाट्सऐप या फेसबुक चैट के जरिए अपने प्रोडक्ट मंगवा लेते हैं। इस तरह देखे तो फेसबुक और इंस्टाग्राम ग्राहकों से जुड़ने के लिए एक अच्छा माध्यम साबित हुआ है। सामान्य तौर पर कहा जाता है कि एक अच्छा ब्रांड बनने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं, लेकिन विजय का मानना है कि यह सोच गलत है। उनके अनुसार अगर आप प्रोडक्ट की क्वालिटी बरकरार रखते हैं और बेहतर तरीके से कस्टमर्स के साथ खुद को कनेक्ट कर पाते हैं तो इससे अपने आप आपके ब्रांड की मार्केटिंग होगी। फेसबुक और इंस्टाग्राम पर आने वाले लोग टीवी कमर्सल देखने नहीं आते, वो लोगों और प्रोडक्टस की स्टोरी जानना चाहते हैं। और Omay Foods के प्रोडक्ट्स और इसे बनाने की प्रक्रिया इतनी अच्छी है कि लोग इसके बारे में जानने के लिए फैक्टरी तक पहुंच जाते हैं। फेसबुक और इंस्टाग्राम एक कॉस्ट इफेक्टिव प्लैटफॉर्म है। इस प्लैटफॉर्म पर Omay Foods की टीम न केवल वीडियो डालती है, बल्कि पोस्ट और रील्स भी अपलोड करती है। यहां यूजर्स के लिए न्यूट्रिशनिस्ट और हेल्थ एक्सपर्ट का इंटरव्यू भी डाला जाता है। इसके अलावा यूजर्स के लिए ऑनलाइन Q&A सेशन भी आयोजित किए जाते है
ग्राहकों और टार्गेट ऑडिएंस तक पहुंचने का तरीका
विजय कट्टा ने जो सोचा हुआ था, उससे काफी अच्छे परिणाम मिले। Omay Foods ब्रांड को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए उनकी टीम ने कुछ महीने पहले जयपुर में एक इवेंट किया। इसके लिए फेसबुक की मदद ली गई, ताकि लोगों को बताया जा सके जयपुर में इनका इवेंट हो रहा है। ग्राहकों और टार्गेट ऑडिएंस तक पहुंचने के लिए टीम ने फेसबुक पर जयपुर के लोकेशन को टैग किया और जिस जगह पर यह इवेंट हो रहा था, उस जगह को टैग किया। विजय कट्टा का मानना है कि फेसबुक और इंस्टाग्राम पर जो फीड जनरेट होता है, उसका प्रभाव जरूर दिखता है। क्योंकि इससे ऑर्गेनिक तरीके से उन लोगों तक मैसेज पहुंचाने में सफलता मिलती है, जो इन्हें फॉलो भी नहीं करते और वहां से धीरे-धीरे कस्टमर्स इनके प्रोडक्ट के बारे में अपनी दिलचस्पी दिखाते हैं।
टारगेट ऑडिएंस तक पहुंचने के लिए हाल ही में इनकी कंपनी ने Omay Foods प्रोडक्ट्स का प्रचार किया। दिवाली से पहले इन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरी के जरिए एक क्विज कॉन्टेस्ट रखा, जिसमें लोगों से पूछा गया कि ‘दिवाली पर स्नैक्स में आप क्या चीज खाना पसंद करेंगे’। इसमें लोगों ने जवाब दिया कि उन्हें भूने हुए ड्राई फ्रूट चाहिए। यही रिसर्च करने के लिए कंपनी लाखों रुपए खर्च करती है, और रिजल्ट क्या निकलता है और किस आधार पर निकलता है, उसके बारे में पता ही नहीं चलता। लेकिन विजय की कंपनी ने यह सब फ्री में कर दिया। यही नहीं, फेसबुक का पेड विज्ञापन का एक फीचर है, इसका इस्तेमाल करके ग्राहकों को बेहतर तरीके से टारगेट किया जा सकता है। Omay Foods इस फीचर का इस्तेमाल करती है। इसके जरिए वह उत्तर भारत के स्नैक्स को दक्षिण भारत के ग्राहकों तक पहुंचा पाते हैं। विजय को खुशी है कि उनका हेल्दी स्नैक्स दक्षिण भारत में पसंद किया जाता है। उसी तरह रक्षा बंधन के मौके पर ये गिफ्ट हैंपर्स लॉन्च करते हैं। इनका टारगेट ऑडियंस वो बहने हैं जो भाइयों को राखी बांधती हैं। इसके लिए इन्होंने फेसबुक के फिल्टर का सहारा लिया और सटीक तरीके से अपने कस्टमर्स तक पहुंच पाए। विजय का मानना है कि एक बार कस्टमर को टारगेट करने के बाद उसे दोबारा टारगेट करना आसान होता है। यह फायदा ऑफलाइन में नहीं मिलता है।
लॉकडाउन के समय अपना बिजनेस बढ़ाया
लॉकडाउन से पहले Omay Foods की उपस्थिति केवल भारत में थी। लेकिन पिछले साल मूवमेंट बंद था और लोगों में हेल्दी प्रोडक्ट के प्रति रूचि विकसित हो रही थी। विजय की कंपनी जिस तरीके से स्नैक्स बनाती है, वह काफी ऑर्गेनिक है। किसी भी तरह के प्रिजर्वेटिव या केमिकल का ये लोग इस्तेमाल नहीं करते हैं। स्नैक्स में किसी भी तरह का कोई मिलावट भी नहीं होता है। ये पूरी तरह से नेचुरल है। यही वजह है कि लॉकडाउन के दौरान Omay Foods के प्रति रुचि भारत के बाहर भी देखी गई। पिछ्ले साल लंदन के एक डिस्ट्रीब्यूटर ने इंस्टाग्राम के जरिए इनके बारे में पता किया। वह इनके साथ बिजनेस करना चाहता थे। इस पर काफी समय तक चर्चा हुई, जिसके बाद लॉकडाउन के मध्य में Omay Foods को इंग्लैंड में लॉन्च किया गया। इस तरह देखें तो लॉकडाउन के दौरान जहां फ्लाइट बंद थी और एक-दूसरे से मिलना-जुलना बंद था, वहां विजय ने इंग्लैंड में अपने बिजनेस को बढ़ा लिया
छोटे कारोबारियों के व्‍यवसाय को आगे बढ़ाने में Omay Foods की भूमिका
एक स्मॉल बिजनेस के रूप में Omay Foods का हमेशा प्रयास रहता है कि इनके साथ-साथ इनसे जुड़े अन्य बिजनेस की भी तरक्की हो। इसके कुछ उदाहरण भी हैं कि इनके साथ जुड़े हुए बिजनेस की तरक्की कैसे हुई। इनका एक प्रोडक्ट है ब्राउन पोहा, जो एक सामान्य चिवड़ा या पोहा की तरह ही होता है। इसका एक रॉ फॉम होता है ब्राउन रंग का, जिसे पॉलिश करके सफेद पोहा बनाया जाता है। Omay Foods इसका रॉ फॉम ही इस्तेमाल करती है। अब ये चिवड़ा पूरे उत्तर भारत में कहीं नहीं मिलता, लेकिन विजय को ये उत्पाद बनाना था। तो उन्होंने दक्षिण भारत जैसे चेन्नई, मदुरई के किसानों से ये ब्राउन चिवड़ा खरीदा। इसमें कोई भी बिचौलिया नहीं है। ये सीधे किसानों से सम्पर्क करते हैं। तो इससे ये अपना काम बढ़ा रहे हैं और इनके साथ इनसे जुड़े किसान भी आगे बढ़ रहे हैं। इसका दूसरा उदाहरण है अखरोट का। सभी को पता है कि अखरोट खासकर जम्मू कश्मीर में ही मिलता है। लेकिन ये कहां से आ रहा है ये किसी को नहीं पता। इन्होंने अपने डिस्ट्रीब्यूटर से अखरोट कहां से आता है इसके बारे में जानने की कोशिश की। और इन्होंने एक खेप अखरोट की मंगाई व उसे एक स्टैण्डर्ड तरीके से दो हिस्सों में तोड़कर उसका इस्तेमाल किया। इसके पीछे इनका उद्देश्य था कि ये जो उत्पाद इस्तेमाल कर रहे हैं वो आता कहां से है उसके बारे में जानें। ताकि इनसे जुड़े लोगों को लाभ हो सके। या फिर बात करें इसकी पैकेजिंग की तो जब इनके पैकेट मार्केट में गए तो इनके वेंडर ने आके इनसे खुद कहा कि “Omay Foods ने ये पैकेजिंग इस्तेमाल की इसलिए हमारे पास पैकेंजिग की मांग काफी बढ़ गई है।” साथ ही इनकी खुद की जयपुर में फैक्ट्री है, जिसमें ये कामगारों या कर्मचारियों को किसी एजेंसी व कंपनी की जगह वहां के लोकल से ही लाते हैं। जिससे हर तरह वर्ग के लोग इनके साथ बढ़ते रहें। साथ ही इनके साथ काम कर रहे लोगों को और भी चीजें सिखाने के लिए अलग-अलग कार्य जैसे डाटा एंट्री कराना आदि भी कराते हैं। ताकि वो और भी अन्य स्किल सीख सकें। दिवाली में इन्होंने लड्डू बनाकर उसे डब्बे में पैक करने का काम सिखा। जिसके लिए इन्होंने अपने साथ काम कर रहे एक कर्मचारी की माता से जो कि सिलाई का काम करती है, पोटली बनवाई। इस तरह ये खुद से जुड़े लोगों को और भी आगे बढ़ने का मौका देते हैं।बिजनेस को लेकर भविष्‍य की योजनाएं
भविष्य को लेकर इनकी योजनाएं काफी स्पष्ट हैं। कंपनी को नए प्रोडक्ट कैटेगरी में प्रवेश करना है। इन्होंने अपने बिजनेस की शुरुआत 15 प्रोडक्ट के साथ की थी, आज यह 40-50 प्रोडक्ट पर काम कर रहे हैं। और आगे भी इनका उद्देश्य है कि हर किसी के लिए हेल्दी स्नैक्स उपलब्ध करा सकें। साथ ही, जिस प्रकार कोका कोला व पेप्सी सॉफ्ट ड्रिंक के पर्याय बन चुके हैं, उसी तरह ये भी स्नैक्स का पर्याय बनना चाहते हैं। किसी को भी स्नैक्स चाहिए तो वो कहे कि हमें Omay Foods चाहिए। साथ ही ये जानते हैं कि इनका प्रोडक्ट विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। इनके कई उत्पाद जैसे कि पोटैटो फ्लैक्स आदि उत्पाद न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी काफी पसंद किया जा रहा है। विजय चाहते हैं कि उनकी कंपनी एक ग्लोबल कंपनी बनें और इसके लिए वह और उनकी टीम सही दिशा में कार्य कर रही है।
Note - यह आर्टिकल ब्रांड डेस्‍क द्वारा लिखा गया है।

स्टोरी हाइलाइट्स
  • फूड प्रोसेसिंग का कारोबार शुरू करने की प्रेरणा कहां से मिली

बहुत कम ही लोग होते हैं जिनका ध्यान समस्या की जगह समाधान पर जाता है। तब ऐसे ही लोग करिश्मा करते हैं और अपना नाम बनाते हैं। सेल्स और मार्केटिंग की नौकरी करने वाले और काम के सिलसिले में एक राज्य से दूसरे राज्य का दौरा करने वाले विजय कट्टा (Vijay Katta) को यह नहीं पता था कि वह हेल्दी और टेस्टी स्नैक्स के बाजार में आएंगे और अपना नाम कमाएंगे। जयपुर में पले-बढ़े विजय ने कॉर्पोरेट की नौकरी करते समय यह महसूस किया कि अगर लोगों को फास्ट फूड की जगह टेस्टी, हेल्दी और किफायती स्नैक्स दिया जाए तो वो उसका जरूर सेवन करेंगे। उहोंने देखा कि भुने हुए हेल्दी स्नैक्स का बाजार न केवल देश में बल्कि विदेशों में फैला हुआ है। ऐसे में उन्होंने Omay Food नाम से अपना फूड प्रोसेसिंग का कारोबार शुरू किया। यह कंपनी हेल्दी, रेडी टू ईट और स्वादिष्ट स्नैक्स बनाती है, साथ ही जिस तरीके से ये हैल्दी स्नैक्स बनाते हैं, उससे इन्होंने राजस्थान की खाद्य परंपरा को जीवंत रखा है।
फूड प्रोसेसिंग का कारोबार शुरू करने की प्रेरणा कहां से मिली
राजस्थान के जयपुर से आने विजय कट्टा ने Omay Food की शुरुआत 2018 में की थी। इससे पहले उन्होंने कॉर्पोरेट प्रोफेशनल के रूप में 6 साल नौकरी की है। उनकी विशेषज्ञता सेल्स और मार्केटिंग में है, जिसकी वजह से उन्हें ट्रैवल करना पड़ता था। शुरुआत में उन्हें यह काफी अच्छा लगता था। वह बाहर घूमते थे और कंपनी कार्ड पर अलग-अलग तरह के व्यंजनों का मजा भी लेते थे। लेकिन कहते हैं ना कि, कई बार एक ही तरह का काम करके आदमी को बोरियत महसूस होने लगती है। ऐसा ही हुआ विजय के साथ। उन्हें धीरे-धीरे लगने लगा कि बाहर का खाना उनके लिए सही नहीं है, इसलिए वह घर से खाना बांधकर ले जाते थे। लेकिन बहुत सुबह उठकर खाना पैक करवाना कई बार व्यावहारिक नहीं होता था। यही से उन्हें प्रेरणा मिली कुछ ऐसे स्नैक्स या रेडी टू मील की, जिसे लैपटॉप बैग में आसानी से रखा जा सके और ट्रैवल के दौरान खाया जा सके, जो हेल्दी के साथ स्वादिष्ट भी हो। तब उनके दिमाग में Omay Food नाम से कंपनी खोलने का विचार आया, जिसका मुख्य ब्रांच जयपुर में है।
रोस्टिंग राजस्थान के खाने की एक विशेष प्रक्रिया है, जिसमें ड्राई फ्रूट को नमक के साथ भूना जाता है। पहले चूल्हे पर यह प्रकिया होती थी, लेकिन पिछले दो दशक से इसमें काफी सुधार हुआ है। इस प्रक्रिया में नमक को 300 से 400 डिग्री में रोस्ट किया जाता है। खास बात यह है कि रोस्टिंग की इस प्रकिया में तेल का इस्तेमाल नहीं किया जाता, जो सेहत के लिए अच्छा भी है। इस चीज ने विजय को काफी प्रभावित किया। उनकी कंपनी Omay Foods इसी प्रक्रिया को अपनाकर स्नैक्स बनाती है। जैसा कि ये एक पुरानी प्रक्रिया है, इसलिए इसमें हैवी मशीन की भी जरूरत नहीं है। आज के दिन यह स्टार्टअप 40 से 50 तरह के स्नैक्स तैयार करता है, जिसमें ड्राई फ्रूट स्नैक्स, चिया सीड स्नैक, फ्लैक्स सीड स्नैक, बिना तेल के आलू के चिप्स शामिल है। इस तरह के स्नैक्स को भारत के साथ विदेशों में भी पसंद किया जा रहा है। इस कंपनी के प्रोडक्ट्स से न केवल युवा बल्कि बुजुर्ग भी काफी प्रभावित हैं, क्योंकि कंपनी अपने प्रोडक्ट्स में तेल का कम इस्तेमाल करती है। खास बात यह है कि इससे स्वाद भी बरकरार रहता है।
व्‍यवसाय की ग्रोथ के लिए प्‍लैटफॉर्म के तौर पर फेसबुक को चुना
आज के समय में हर कोई फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्‍हाट्सऐप इस्तेमाल कर रहा है। विजय कट्टा ने जब अपनी कंपनी Omay Foods की शुरुआत की, तभी से उनकी योजना थी कि इसकी मार्केटिंग राजस्थान के साथ-साथ पूरे देश में करनी है। वह अपने ब्रांड को विदेशों में भी ले जाना चाहते थे। फेसबुक और इंस्टाग्राम की उपस्थिति पूरे विश्वभर में है और इस पर हर वर्ग के यूजर्स हैं। इसलिए उन्होंने इसे चुना। वह फेसबुक और इंस्टाग्राम को छोटे कारोबारियों के लिए जरूरी मानते हैं। यह एक ऐसे प्लैटफॉर्म है, जहां खबरों से लेकर हर तरह की जानकारी इस पर मिल जाती है। साथ ही, ये प्लैटफॉर्म हर किसी के लिए फ्री में उपलब्ध है। ऑर्गेनिक रीच प्राप्त करने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्‍हाट्सऐप ने विजय की काफी मदद की। इनकी टीम ने इन फ्लैटफॉर्म की मदद ली और लोगों में अपने प्रोडक्ट्स को लेकर जागरुकता फैलाई कि Omay Foods के प्रोडक्ट्स कैसे बनते हैं? इन प्रोडक्ट्स को क्यों खाना चाहिए? Omay Foods में क्या-क्या विकल्प है? आदि। इसके अलावा इन फ्लैटफॉर्म पर Omay Foods के बारे में जानकारियां और स्टोरीज को साझा भी किया जाता था। विजय कट्टा का फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्‍हाट्सऐप से जुड़ने का एक और कारण है, वो यह है कि वह लोगों से सीधे जुड़ना चाहते थे और उनकी जरूरतों को समझना चाहते थे। और लोगों से जुड़ने के लिए ये बहुत ही अच्छे प्लैटफॉर्म है
Omay Foods को देश-विदेश तक पहुंचाने में फेसबुक ने की मदद
Omay Foods एक हेल्दी ब्रांड है और विजय कट्टा चाहते हैं कि इसकी पहुंच बड़े शहरों के साथ-साथ दूर-दराज के इलाके में भी हो ताकि पूरे भारत को हेल्दी चीजे खाने की आदत लगे। इसके लिए उन्होंने फ्री प्लैटफॉर्म फेसबुक और इंस्टाग्राम को चुना। इसके माध्यम से उन्होंने दूर-दराज के इलाकों से आने कस्टमर्स को खुद से जोड़ लिया है। आज के समय में इनके पास नॉर्थ ईस्ट के ग्राहक सबसे ज्यादा हैं। कंपनी का उनके साथ एक पर्सनल रिलेशन डेवलप हो गया है। अब वह वेबसाइट पर कम जाते हैं, सीधे व्‍हाट्सऐप या फेसबुक चैट के जरिए अपने प्रोडक्ट मंगवा लेते हैं। इस तरह देखे तो फेसबुक और इंस्टाग्राम ग्राहकों से जुड़ने के लिए एक अच्छा माध्यम साबित हुआ है। सामान्य तौर पर कहा जाता है कि एक अच्छा ब्रांड बनने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं, लेकिन विजय का मानना है कि यह सोच गलत है। उनके अनुसार अगर आप प्रोडक्ट की क्वालिटी बरकरार रखते हैं और बेहतर तरीके से कस्टमर्स के साथ खुद को कनेक्ट कर पाते हैं तो इससे अपने आप आपके ब्रांड की मार्केटिंग होगी। फेसबुक और इंस्टाग्राम पर आने वाले लोग टीवी कमर्सल देखने नहीं आते, वो लोगों और प्रोडक्टस की स्टोरी जानना चाहते हैं। और Omay Foods के प्रोडक्ट्स और इसे बनाने की प्रक्रिया इतनी अच्छी है कि लोग इसके बारे में जानने के लिए फैक्टरी तक पहुंच जाते हैं। फेसबुक और इंस्टाग्राम एक कॉस्ट इफेक्टिव प्लैटफॉर्म है। इस प्लैटफॉर्म पर Omay Foods की टीम न केवल वीडियो डालती है, बल्कि पोस्ट और रील्स भी अपलोड करती है। यहां यूजर्स के लिए न्यूट्रिशनिस्ट और हेल्थ एक्सपर्ट का इंटरव्यू भी डाला जाता है। इसके अलावा यूजर्स के लिए ऑनलाइन Q&A सेशन भी आयोजित किए जाते है
ग्राहकों और टार्गेट ऑडिएंस तक पहुंचने का तरीका
विजय कट्टा ने जो सोचा हुआ था, उससे काफी अच्छे परिणाम मिले। Omay Foods ब्रांड को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए उनकी टीम ने कुछ महीने पहले जयपुर में एक इवेंट किया। इसके लिए फेसबुक की मदद ली गई, ताकि लोगों को बताया जा सके जयपुर में इनका इवेंट हो रहा है। ग्राहकों और टार्गेट ऑडिएंस तक पहुंचने के लिए टीम ने फेसबुक पर जयपुर के लोकेशन को टैग किया और जिस जगह पर यह इवेंट हो रहा था, उस जगह को टैग किया। विजय कट्टा का मानना है कि फेसबुक और इंस्टाग्राम पर जो फीड जनरेट होता है, उसका प्रभाव जरूर दिखता है। क्योंकि इससे ऑर्गेनिक तरीके से उन लोगों तक मैसेज पहुंचाने में सफलता मिलती है, जो इन्हें फॉलो भी नहीं करते और वहां से धीरे-धीरे कस्टमर्स इनके प्रोडक्ट के बारे में अपनी दिलचस्पी दिखाते हैं।
टारगेट ऑडिएंस तक पहुंचने के लिए हाल ही में इनकी कंपनी ने Omay Foods प्रोडक्ट्स का प्रचार किया। दिवाली से पहले इन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरी के जरिए एक क्विज कॉन्टेस्ट रखा, जिसमें लोगों से पूछा गया कि ‘दिवाली पर स्नैक्स में आप क्या चीज खाना पसंद करेंगे’। इसमें लोगों ने जवाब दिया कि उन्हें भूने हुए ड्राई फ्रूट चाहिए। यही रिसर्च करने के लिए कंपनी लाखों रुपए खर्च करती है, और रिजल्ट क्या निकलता है और किस आधार पर निकलता है, उसके बारे में पता ही नहीं चलता। लेकिन विजय की कंपनी ने यह सब फ्री में कर दिया। यही नहीं, फेसबुक का पेड विज्ञापन का एक फीचर है, इसका इस्तेमाल करके ग्राहकों को बेहतर तरीके से टारगेट किया जा सकता है। Omay Foods इस फीचर का इस्तेमाल करती है। इसके जरिए वह उत्तर भारत के स्नैक्स को दक्षिण भारत के ग्राहकों तक पहुंचा पाते हैं। विजय को खुशी है कि उनका हेल्दी स्नैक्स दक्षिण भारत में पसंद किया जाता है। उसी तरह रक्षा बंधन के मौके पर ये गिफ्ट हैंपर्स लॉन्च करते हैं। इनका टारगेट ऑडियंस वो बहने हैं जो भाइयों को राखी बांधती हैं। इसके लिए इन्होंने फेसबुक के फिल्टर का सहारा लिया और सटीक तरीके से अपने कस्टमर्स तक पहुंच पाए। विजय का मानना है कि एक बार कस्टमर को टारगेट करने के बाद उसे दोबारा टारगेट करना आसान होता है। यह फायदा ऑफलाइन में नहीं मिलता है।
लॉकडाउन के समय अपना बिजनेस बढ़ाया
लॉकडाउन से पहले Omay Foods की उपस्थिति केवल भारत में थी। लेकिन पिछले साल मूवमेंट बंद था और लोगों में हेल्दी प्रोडक्ट के प्रति रूचि विकसित हो रही थी। विजय की कंपनी जिस तरीके से स्नैक्स बनाती है, वह काफी ऑर्गेनिक है। किसी भी तरह के प्रिजर्वेटिव या केमिकल का ये लोग इस्तेमाल नहीं करते हैं। स्नैक्स में किसी भी तरह का कोई मिलावट भी नहीं होता है। ये पूरी तरह से नेचुरल है। यही वजह है कि लॉकडाउन के दौरान Omay Foods के प्रति रुचि भारत के बाहर भी देखी गई। पिछ्ले साल लंदन के एक डिस्ट्रीब्यूटर ने इंस्टाग्राम के जरिए इनके बारे में पता किया। वह इनके साथ बिजनेस करना चाहता थे। इस पर काफी समय तक चर्चा हुई, जिसके बाद लॉकडाउन के मध्य में Omay Foods को इंग्लैंड में लॉन्च किया गया। इस तरह देखें तो लॉकडाउन के दौरान जहां फ्लाइट बंद थी और एक-दूसरे से मिलना-जुलना बंद था, वहां विजय ने इंग्लैंड में अपने बिजनेस को बढ़ा लिया
छोटे कारोबारियों के व्‍यवसाय को आगे बढ़ाने में Omay Foods की भूमिका
एक स्मॉल बिजनेस के रूप में Omay Foods का हमेशा प्रयास रहता है कि इनके साथ-साथ इनसे जुड़े अन्य बिजनेस की भी तरक्की हो। इसके कुछ उदाहरण भी हैं कि इनके साथ जुड़े हुए बिजनेस की तरक्की कैसे हुई। इनका एक प्रोडक्ट है ब्राउन पोहा, जो एक सामान्य चिवड़ा या पोहा की तरह ही होता है। इसका एक रॉ फॉम होता है ब्राउन रंग का, जिसे पॉलिश करके सफेद पोहा बनाया जाता है। Omay Foods इसका रॉ फॉम ही इस्तेमाल करती है। अब ये चिवड़ा पूरे उत्तर भारत में कहीं नहीं मिलता, लेकिन विजय को ये उत्पाद बनाना था। तो उन्होंने दक्षिण भारत जैसे चेन्नई, मदुरई के किसानों से ये ब्राउन चिवड़ा खरीदा। इसमें कोई भी बिचौलिया नहीं है। ये सीधे किसानों से सम्पर्क करते हैं। तो इससे ये अपना काम बढ़ा रहे हैं और इनके साथ इनसे जुड़े किसान भी आगे बढ़ रहे हैं। इसका दूसरा उदाहरण है अखरोट का। सभी को पता है कि अखरोट खासकर जम्मू कश्मीर में ही मिलता है। लेकिन ये कहां से आ रहा है ये किसी को नहीं पता। इन्होंने अपने डिस्ट्रीब्यूटर से अखरोट कहां से आता है इसके बारे में जानने की कोशिश की। और इन्होंने एक खेप अखरोट की मंगाई व उसे एक स्टैण्डर्ड तरीके से दो हिस्सों में तोड़कर उसका इस्तेमाल किया। इसके पीछे इनका उद्देश्य था कि ये जो उत्पाद इस्तेमाल कर रहे हैं वो आता कहां से है उसके बारे में जानें। ताकि इनसे जुड़े लोगों को लाभ हो सके। या फिर बात करें इसकी पैकेजिंग की तो जब इनके पैकेट मार्केट में गए तो इनके वेंडर ने आके इनसे खुद कहा कि “Omay Foods ने ये पैकेजिंग इस्तेमाल की इसलिए हमारे पास पैकेंजिग की मांग काफी बढ़ गई है।” साथ ही इनकी खुद की जयपुर में फैक्ट्री है, जिसमें ये कामगारों या कर्मचारियों को किसी एजेंसी व कंपनी की जगह वहां के लोकल से ही लाते हैं। जिससे हर तरह वर्ग के लोग इनके साथ बढ़ते रहें। साथ ही इनके साथ काम कर रहे लोगों को और भी चीजें सिखाने के लिए अलग-अलग कार्य जैसे डाटा एंट्री कराना आदि भी कराते हैं। ताकि वो और भी अन्य स्किल सीख सकें। दिवाली में इन्होंने लड्डू बनाकर उसे डब्बे में पैक करने का काम सिखा। जिसके लिए इन्होंने अपने साथ काम कर रहे एक कर्मचारी की माता से जो कि सिलाई का काम करती है, पोटली बनवाई। इस तरह ये खुद से जुड़े लोगों को और भी आगे बढ़ने का मौका देते हैं।बिजनेस को लेकर भविष्‍य की योजनाएं
भविष्य को लेकर इनकी योजनाएं काफी स्पष्ट हैं। कंपनी को नए प्रोडक्ट कैटेगरी में प्रवेश करना है। इन्होंने अपने बिजनेस की शुरुआत 15 प्रोडक्ट के साथ की थी, आज यह 40-50 प्रोडक्ट पर काम कर रहे हैं। और आगे भी इनका उद्देश्य है कि हर किसी के लिए हेल्दी स्नैक्स उपलब्ध करा सकें। साथ ही, जिस प्रकार कोका कोला व पेप्सी सॉफ्ट ड्रिंक के पर्याय बन चुके हैं, उसी तरह ये भी स्नैक्स का पर्याय बनना चाहते हैं। किसी को भी स्नैक्स चाहिए तो वो कहे कि हमें Omay Foods चाहिए। साथ ही ये जानते हैं कि इनका प्रोडक्ट विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। इनके कई उत्पाद जैसे कि पोटैटो फ्लैक्स आदि उत्पाद न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी काफी पसंद किया जा रहा है। विजय चाहते हैं कि उनकी कंपनी एक ग्लोबल कंपनी बनें और इसके लिए वह और उनकी टीम सही दिशा में कार्य कर रही है।
Note - यह आर्टिकल ब्रांड डेस्‍क द्वारा लिखा गया है।