वायु प्रदूषण से बढ़ रही सांस की समस्या: जानें क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और बचाव के उपाय
दुनिया भर में सांस से जुड़ी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, और वायु प्रदूषण इसका एक प्रमुख कारण बन चुका है। ऐसी ही एक गंभीर बीमारी है **क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD)**, जो फेफड़ों और सांस की नली को प्रभावित करती है। यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है और प्रदूषित वातावरण में रहना इसे और गंभीर बना सकता है। इससे बचाव के लिए जीवनशैली में बदलाव, सही दवाइयों का इस्तेमाल और आवश्यक सावधानियां अपनाना जरूरी है।
दुनिया भर में सांस से जुड़ी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, और वायु प्रदूषण इसका एक प्रमुख कारण बन चुका है। ऐसी ही एक गंभीर बीमारी है **क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD)**, जो फेफड़ों और सांस की नली को प्रभावित करती है। यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है और प्रदूषित वातावरण में रहना इसे और गंभीर बना सकता है। इससे बचाव के लिए जीवनशैली में बदलाव, सही दवाइयों का इस्तेमाल और आवश्यक सावधानियां अपनाना जरूरी है।
क्या है COPD?
**न्यूबर्ग अजय शाह लैबोरेटरी** के प्रबंध निदेशक, डॉ. अजय शाह के अनुसार, **COPD** एक आम फेफड़ों की बीमारी है। इसमें सांस की नली पतली हो जाती है, जिससे सांस लेने और छोड़ने में कठिनाई होती है। समय पर इसका पता चल जाए, तो इसका इलाज संभव है। इसमें **क्रॉनिक ब्रॉन्काइटिस** के कारण बलगम वाली खांसी लंबे समय तक बनी रहती है।
COPD से बचाव के उपाय
1. प्रदूषण से बचाव:
- **सुबह और शाम बाहर जाने से बचें:**
इन समयों में प्रदूषण का स्तर अधिक होता है, इसलिए बाहर निकलने से बचें।
- **N95 मास्क का इस्तेमाल करें:**
अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो मास्क पहनकर हानिकारक कणों से बचें।
2. जीवनशैली में बदलाव करें:
- **घर में एयर-प्योरीफायर प्लांट लगाएं:**
अरेका पाम और स्नेक प्लांट जैसे पौधे हवा की गुणवत्ता सुधारने में मदद करते हैं।
- **अधिक पानी पिएं:**
फेफड़ों में जमा बलगम को पतला करने और बाहर निकालने के लिए पानी पीना फायदेमंद है।
3. दवाइयों और चिकित्सा का सही उपयोग:
- **इन्हेलर का नियमित इस्तेमाल करें:**
डॉक्टर द्वारा बताए गए इन्हेलर का सही समय पर उपयोग करें।
- **विशेषज्ञों के कार्यक्रमों में भाग लें:**
इनमें व्यायाम, सांस लेने की तकनीक और बीमारी के प्रबंधन की जानकारी दी जाती है।
- **AQI का ध्यान रखें:**
अगर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बहुत खराब हो, तो विशेष सावधानियां अपनाएं।
4. नियमित चेकअप कराएं:
पल्मोनोलॉजिस्ट से नियमित जांच कराएं ताकि समय पर इलाज में बदलाव किया जा सके।
निष्कर्ष
प्रदूषण भरे माहौल में रहकर भी COPD से बचाव संभव है, बशर्ते सही सावधानियां बरती जाएं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, दवाइयों का नियमित उपयोग करें और समय-समय पर डॉक्टर से संपर्क करें। इन छोटी-छोटी आदतों से आप अपने फेफड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं और इस बीमारी के असर को नियंत्रित कर सकते हैं।
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