8 लक्षण दिखते ही डायबिटीज के मरीज हो जाएं सावधान, समझ जाएं कि ब्लड शुगर ने पार किया है खतरे का स्तर

आईसीएमआर की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में भारत में डायबिटीज के लगभग 10.1 करोड़ मामले दर्ज किए गए थे, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है। डायबिटीज के बढ़ते मामलों के कारण भारत को अब "डायबिटीज कैपिटल" भी कहा जाता है। इसलिए, इस बीमारी से बचाव करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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आईसीएमआर की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में भारत में डायबिटीज के लगभग 10.1 करोड़ मामले दर्ज किए गए थे, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है। डायबिटीज के बढ़ते मामलों के कारण भारत को अब "डायबिटीज कैपिटल" भी कहा जाता है। इसलिए, इस बीमारी से बचाव करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है, जिसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन इसे नियंत्रित जरूर किया जा सकता है। प्रारंभिक लक्षणों पर ध्यान देकर इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है। जब ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है, तो शरीर में कुछ संकेत मिलते हैं, जिनसे इसका पता लगाया जा सकता है।

ब्लड शुगर लेवल क्यों बढ़ता है?

हमारे ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करने का काम इंसुलिन नामक हार्मोन करता है, जो पैनक्रिया से स्रावित होता है। कुछ लोगों में यह हार्मोन पर्याप्त मात्रा में नहीं बनता या शरीर की कोशिकाएं इसका ठीक से उपयोग नहीं कर पातीं, जिससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित नहीं हो पाता। इस स्थिति को हाइपरग्लाइसीमिया कहा जाता है और इसे ही डायबिटीज कहा जाता है। डायबिटीज स्वयं सीधे कोई नुकसान नहीं पहुंचाता, लेकिन ब्लड में शुगर की बढ़ी हुई मात्रा नसों को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाने लगती है, जिसका असर शरीर के अन्य अंगों पर भी पड़ने लगता है।

हाई ब्लड शुगर के लक्षण कैसे पहचानें?

1. बहुत ज्यादा प्यास लगना: अगर आपको सामान्य से अधिक प्यास लगने लगे और आप ज्यादा पानी पीने लगें, तो ब्लड शुगर लेवल चेक कराना चाहिए।

2. थकान: इंसुलिन की कमी या उसकी प्रभावहीनता के कारण ग्लूकोज कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता, जिससे ऊर्जा की कमी हो जाती है। बिना किसी स्पष्ट कारण के अत्यधिक थकान महसूस होना हाई ब्लड शुगर का संकेत हो सकता है।

3. बार-बार यूरिन आना: ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने पर किडनी इसे तेजी से फिल्टर करती है, जिससे बार-बार यूरिन आता है।

4. धुंधला दिखना: ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से आंखों के लेंस का आकार बदल जाता है और आंखों की नसें डैमेज होने लगती हैं, जिससे धुंधला दिखाई देने लगता है।

5. घावों का धीरे भरना: ब्लड में ग्लूकोज की अधिकता से इंफ्लेमेशन बढ़ता है, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है, जिससे घाव धीरे-धीरे भरते हैं।

6. हाथ-पैरों में झनझनाहट: ब्लड में ग्लूकोज की अधिकता से नसों को नुकसान पहुंचता है और ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है, जिससे हाथ-पैरों में सुन्नपन या झनझनाहट हो सकती है।

7. वजन कम होना: जब कोशिकाओं को ग्लूकोज सही मात्रा में नहीं मिलता, तो शरीर संग्रहित फैट का उपयोग ऊर्जा के लिए करने लगता है, जिससे सही मात्रा में खाना खाने के बावजूद वजन कम हो सकता है।

8. ज्यादा भूख लगना: इंसुलिन के सही से काम न करने के कारण कोशिकाओं में ग्लूकोज नहीं पहुंच पाता, जिससे ऊर्जा की कमी होती है और दिमाग भूख के संकेत भेजता है, ताकि भोजन के माध्यम से ऊर्जा मिल सके।


इन लक्षणों पर ध्यान देकर और समय पर ब्लड शुगर लेवल की जांच करवा कर, डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है।