जानिए,पापांकुशा एकादशी का व्रत किस दिन किया जाएगा

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहते हैं. इस एकादशी व्रत के दौरान भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप की पूजा होती है. धार्मिक मान्यता है कि पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने से जीवन के पाप कर्मों का नाश होता है. साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और धन-वैभव का आगमन होता है. इसके अलावा इस एकादशी व्रत का विधिवत पालन करने से मनोनुकूल जीवनसाथी की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं, जो कोई इस एकादशी का व्रत रखत है, उसे यमलोक का कष्ट नहीं भोगना पड़ता है. आइए जानते हैं पापंकशा एकादशी की तिथि, पूजा मुहूर्त और पारण समय के बारे में.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहते हैं.

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहते हैं. इस एकादशी व्रत के दौरान भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप की पूजा होती है. धार्मिक मान्यता है कि पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने से जीवन के पाप कर्मों का नाश होता है. साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और धन-वैभव का आगमन होता है. इसके अलावा इस एकादशी व्रत का विधिवत पालन करने से मनोनुकूल जीवनसाथी की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं, जो कोई इस एकादशी का व्रत रखत है, उसे यमलोक का कष्ट नहीं भोगना पड़ता है. आइए जानते हैं पापंकशा एकादशी की तिथि, पूजा मुहूर्त और पारण समय के बारे में.

पापांकुशा एकादशी तिथि 2022

पापांकुशा एकादशी का व्रत आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन शुक्ल की एकादशी तिथि की शुरुआत 5 अक्टूबर 2022 को दोपहर 12 बजे से हो रही है. वहीं एकादशी तिथि की समाप्ति 06 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर होगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, पापांकुशा एकादशी का व्रत 06 अक्टूबर को रखा जाएगा.

पापांकुशा एकादशी शुभ मुहूर्त

पापांकुशा एकादशी के दिन चौघड़िया मुहूर्त की बात की जाए तो इस इस दिन सुबह 6 बजकर 17 मिनट से 7 बजकर 45 मिनट तक का समय उत्तम है. इस दौरान पापांकुशा एकादशी व्रत की पूजा की जा सकती है. इसके अलावा सुबह 10 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 09 मिनट तक भी पूजा की जा सकती है. वहीं दोपहर में 12 बजकर 09 मिनट से 1 बजकर 37 मिनट तक का समय भी पूजा के लिए शुभ है.

पापांकुशा एकादशी 2022 पारण

अगर 06 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी का व्रत रखते हैं तो व्रत का पारण उसके अगले दिन यानी 07 अक्टूबर को कर सकते हैं. पंचांग के अनुसार, इस दिन पारण का समय सुबह 6 बजकर 17 मिनट से सुबह 7 बजकर 26 मिनट तक है. ऐसे में इसके बीच पारण कर लेना अच्छा रहेगा. द्वादशी तिथि का समापन 7 अक्टूबर को सुबह 7 बजकर 26 मिनट पर हो रहा है.