जयशंकर ने भारत को 'जेनोफोबिक' बताने पर अमेरिकी राष्ट्रपति को जवाब दिया है और उन्होंने इसे कड़ा नाम दिया है। साथ ही, उन्होंने भारतीय नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की महत्वपूर्णता को भी उजागर किया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत को 'जेनोफोबिक' बताने पर जयशंकर ने दिया अमेरिकी राष्ट्रपति को करारा जवाब दिया है, उन्होंने इसे कड़ा नाम दिया है। साथ ही, उन्होंने भारतीय नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की महत्वपूर्णता को भी उजागर किया है।

स्टोरी हाइलाइट्स
  • बाइडेन ने क्या दिया था बयान?

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत को 'जेनोफोबिक' बताने पर जयशंकर ने दिया अमेरिकी राष्ट्रपति को करारा जवाब दिया है, उन्होंने इसे कड़ा नाम दिया है। साथ ही, उन्होंने भारतीय नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की महत्वपूर्णता को भी उजागर किया है।


जयशंकर ने बाइडेन के बयान को खारिज किया और देश को विविध समाजों के लोगों के लिए खुला और स्वागत करने वाला बताया है। बाइडेन द्वारा इस्तेमाल किए गए 'जेनोफोबिक' शब्द का मतलब एक तरीके से डर को कहा जाता है, जो बाहरी लोगों को आने से रोकता है।


जयशंकर ने पलटवार किया और भारत की उपलब्धियों को उजागर करते हुए कहा कि देश हमेशा से एक बहुत अनोखा रहा है और विभिन्न समाजों से लोग भारत आते हैं। उन्होंने सीएए की महत्वपूर्णता को भी उजागर किया और कहा कि यह लोगों के लिए एक अहम रास्ता होगा जो मुसीबत में फंसे हैं।


जयशंकर ने इस अवसर पर बाइडेन के बयान को भी खारिज किया और कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा नहीं रही है।