
श्रीलंका में अब धर्म के बारे में अपशब्द करना पड़ेगा भारी, ऐसे मामलों को रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की तैयारी में सरकार
श्रीलंका में सोशल मीडिया पर धर्म की निंदा करने की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए एक नए कानून का मसौदा तैयार किया जा रहा है। इसमें इंटरनेट मीडिया पर धर्म के विरुद्ध टिप्पणी या व्यंग्य करना गैरकानूनी होगा।

- श्रीलंका में सोशल मीडिया
श्रीलंका में सोशल मीडिया पर धर्म की निंदा करने की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए एक नए कानून का मसौदा तैयार किया जा रहा है। इसमें इंटरनेट मीडिया पर धर्म के विरुद्ध टिप्पणी या व्यंग्य करना गैरकानूनी होगा।
श्रीलंका में सोशल मीडिया पर धर्म की निंदा रोकने की तैयारी
श्रीलंका के धार्मिक और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री विदुर विक्रमनायके ने रविवार को कहा, 'जल्द ही एक कानून पारित किया जाएगा। इससे सोशल मीडिया पर धर्म का अपमान करने की घटनाओं पर रोक लगेगी।' यह कदम स्टैंडअप कामेडियन नताशा एदिरीसूर्या द्वारा धर्म को लेकर की गई अपमानजनक टिप्पणी के बाद उठाया जा रहा है।
स्टैंडअप कामेडियन नताशा को किया गिरफ्तार
स्टैंडअप कामेडियन नताशा एदिरीसूर्या एदिरीसूर्या को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। एदिरीसूर्या का मामला कोई पहली घटना नहीं है बल्कि इस तरह की कई घटनाएं हो चुकी हैं।
पादरी फर्नांडो पर लगा था भगवान बुद्ध के अपमान का आरोप
इस महीने की शुरुआत में पादरी जेरोम फर्नांडो पर भगवान बुद्ध पर अपमानजनक टिप्पणियां करने का आरोप लगा था, जो इंटरनेट मीडिया पर आई थीं। बता दें कि श्रीलंका की कुल आबादी में 74 प्रतिशत से अधिक लोग बौद्ध धर्म को मानने वाले हैं। यहां का संविधान बौद्ध धर्म को देश के धार्मिक विश्वासों में सबसे अग्रणी स्थान देता है।
राष्ट्रपति रानिल विक्रमिसंघे ने दिया था जांच का आदेश
राष्ट्रपति रानिल विक्रमिसंघे ने 15 मई को मामले में आपराधिक जांच विभाग को जांच शुरू करने का आदेश दिया था और कहा था कि इस तरह की घटनाएं देश में धार्मिक विवाद पैदा कर सकती हैं। उल्लेखनीय है कि एदिरीसूर्या की तरह फर्नांडो ने भी माफी मांग ली थी। हालांकि, वह सिंगापुर गए और वहां से अपनी संभावित गिरफ्तारी को रोकने के लिए मौलिक अधिकार संबंधी याचिका दायर की थी।
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