इस बदलते हुए मौसम में रखें अपने फेफड़ों का ख़ास ध्यान, रेस्पिरेटरी डिजीज का बढ़ सकता है खतरा, जानते हैं ऐसी एक्सरसाइज जो लंग्स को करेंगी मजबूत

सर्दी का मौसम लगभग खत्म हो चुका है और बसंत ने दस्तक दे दी है। वैसे तो, यह मौसम बेहद सुहाना लग रहा है, लेकिन कई बार मौसम बदलने की वजह से, कई लोगों को रेस्पिरेटरी बीमारियां अपनी चपेट में ले लेती हैं। इसके अलावा, प्रदूषण की वजह से भी लोगों के फेफड़े काफी प्रभावित हुए हैं, जिस कारण से फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं आसानी से हो सकती हैं। इन परेशानियों से बचाव के लिए जरूरी है कि हम अपने फेफड़ों को हेल्दी और मजबूत बनाएं, ताकि बीमारियों से बचाव में मदद मिल सके। फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए कुछ खास एक्सरसाइज होती हैं, जिनकी मदद से आप फेफड़ों को हेल्दी और मजबूत बना सकते हैं। आइए जानते हैं, किन एक्सरसाइज को करना, फेफड़ों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

lungs exercise

सर्दी का मौसम लगभग खत्म हो चुका है और बसंत ने दस्तक दे दी है। वैसे तो, यह मौसम बेहद सुहाना लग रहा है, लेकिन कई बार मौसम बदलने की वजह से, कई लोगों को रेस्पिरेटरी बीमारियां अपनी चपेट में ले लेती हैं। इसके अलावा, प्रदूषण की वजह से भी लोगों के फेफड़े काफी प्रभावित हुए हैं, जिस कारण से फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं आसानी से हो सकती हैं। इन परेशानियों से बचाव के लिए जरूरी है कि हम अपने फेफड़ों को हेल्दी और मजबूत बनाएं, ताकि बीमारियों से बचाव में मदद मिल सके। फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए कुछ खास एक्सरसाइज होती हैं, जिनकी मदद से आप फेफड़ों को हेल्दी और मजबूत बना सकते हैं। आइए जानते हैं, किन एक्सरसाइज को करना, फेफड़ों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

नियमित करें प्राणायाम

प्राणायाम योग में खास अहमियत रखता है। अपनी सांसों पर ध्यान देते हुए, इसमें अलग-अलग समय और अलग-अलग तरीकों से ब्रीदिंग एक्सरसाइज की जाती हैं। प्राणायाम के कई प्रकार होते हैं और वे सभी फेफड़ों को मजबूत बनाने में आपकी काफी मदद कर सकते हैं। प्राणायाम करने के लिए किसी शांत जगह पर बैठ जाइए और अपनी नाक के एक तरफ उंगली रखें और सिर्फ एक छिद्र से लंबी गहरी सांस लें। कुछ सेकंड के लिए अपने ब्रेथ को होल्ड करें और नाक के दूसरे छिद्र से धीरे-धीरे इसे रिलीज करें।

सिकुड़े होंठ से साँस लेना

जैसा कि इसके नाम से समझा जा सकता है, इस एक्सरसाइज को करने के लिए आपको अपने होंठ सिकोड़ने होंगे। इसमें अपनी नाक से लंबी और गहरी सांस लें और कुछ सेकंड के लिए सांस को रोकें। इसके बाद अपने होंठ सिकोड़ें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें। इस दौरान ध्यान देने वाली बात यह होनी चाहिए कि जितना समय आपने सांस अंदर लेने में लिया, उससे अधिक समय सांस छोड़ने में लगना चाहिए। इस एक्सरसाइज की मदद से आपके फेफड़ों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, जिससे उनकी कार्य करने की क्षमता बढ़ती है।

डायाफ्रामिक ब्रीदिंग तकनीक का करें उपयोग

इस एक्सरसाइज की मदद से बेहतर तरीके से ऑक्सीजन एक्सचेंज करने में काफी मदद मिलती है। इस एक्सरसाइज को करने के लिए किसी शांत जगह पर बैठें और अपना एक हाथ छाती पर और दूसरा अपने पेट पर रखें। इनकी मदद से आपको अपने डायाफ्राम की मूवमेंट को समझने में मदद मिलेगी। अब धीरे-धीरे नाक से सांस लें ताकि आपका पेट बाहर की तरफ मूव करें। इसके बाद सांस छोड़ते समय अपने पेट की मांसपेशियों का इस्तेमाल करें, ताकि आपके पेट में सारी हवा बाहर जा सके। इस एक्सरसाइज की मदद से न केवल फेफड़े मजबूत होते हैं बल्कि, यह तनाव और ब्लड प्रेशर कम करने में भी मदद करता है।